इंडिया की ग्रोथ स्टोरी आने वाले सालों में जारी रहेगी। अगले 15 साल में इंडियन इकोनॉमी तिगुनी हो जाएगी। यह कहना है कि सुंदरम एसेट मैनेजमेंट कंपनी (Sundaram Asset Management Company) के सीआईओ (इक्विटी) रवि गोपालकृष्णन (Ravi Gopalakrishnan) का। गोपालकृष्णन को म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री और स्टॉक मार्केट का व्यापक अनुभव है। मनीकंट्रोल से बातचीत में उन्होंने शेयर बाजार से जुड़ी कई अहम बातें बताईं। उन्होंने यह भी बताया कि निवेशकों को किन सेक्टर की कंपनियों पर दांव लगाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इंडियन स्टॉक मार्केट मैच्योर हो रहा है। डोमेस्टिक इनवेस्टर्स के ट्रेंड को देखने से ऐसा लगता है। उन्होंने बताया कि आम तौर पर जब विदेशी निवेशक शेयर बेचते हैं तो डोमेस्टिक इनवेस्टर्स भी बिकवाली करते हैं। लेकिन, पहली बार यह देखने को मिला कि जब विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे थे तब घरेलू निवेशक खरीदारी कर रहे थे। यह इंडियन मार्केट के लिए बहुत अच्छी बात है।
गोपालकृष्णन ने कहा कि डोमेस्टिक इनवेस्टर्स को इंडियन इकोनॉमी पर भरोसा है। हमारी इकोनॉमी अगले 15 साल में तिगुनी हो जाने की संभावना है। लंबी अवधि में अच्छी संभावनाओं को देखते हुए शेयरों में निवेश बनाए रखना जरूरी है। बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद ज्यादातर इनवेस्टर्स इस बात को समझ रहे हैं।
शेयर बाजार की आगे की दिशा के बारे में उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह से अभी मुश्किलों से बाहर नहीं आए हैं। जियो-पॉलिटिकल टेंशन की वजह से दुनिया के बड़े देशों में ध्रुवीकरण देखने को मिल सकता है। गुड्स एंड सर्विसेज की आवाजाही के रास्ते में बाधाएं दिख रही हैं। प्रतिबंधों की वजह से एक देश से दूसरे देश में पूंजी का प्रवाह बाधित होता है। हालांकि, जहां तक इंडिया का सवाल है तो हमारा रुख न्यूट्रल रहा है। इससे हमें सभी देशों का सहयोग मिलता है। इनफ्लेशन कंट्रोल में आ रहा है। इंटरेस्ट रेट बढ़ने की उम्मीद है। इसलिए बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।
इनवेस्टर्स के लिए किन सेक्टर की कंपनियों में निवेश करना फायदेमंद रहेगा? इस सवाल के जवाब में गोपालकृष्णन ने कहा कि बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज, मैन्युफैक्चरिंग, कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी जैसे सेक्टर में अच्छी उम्मीद दिख रही है। हालांकि, हर सेक्टर की ग्रोथ की वजह अलग-अलग होगी। उन्होंने कहा कि कच्चे माल की कीमतें नीचे आ रही हैं। ग्रामीण इलाकों में लोगों की इनकम बढ़ रही है। इन वजहों से डिमांड बढ़ने के आसार हैं।
उन्होंने कहा कि रिटेल इनवेस्टर्स को कम से कम तीन से पांच साल के लिए शेयरों में पैसे लगाने चाहिए। उन्हें अनुशासन बरतना चाहिए। फाइनेंशियल इनवेस्टमेंट फैशन की बजाय आपकी आदत होनी चाहिए। बाजार चाहे जैसा भी हो आपको अपना निवेश बंद नहीं करना चाहिए। अगर आप सिर्फ तब इनवेस्ट करेंगे जब मार्केट में सबकुछ अच्छा दिख रहा हो तो आपको निराशा मिल सकती है।