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RBI गवर्नर ने NBFCs सेक्टर को दी कठोर चेतावनी, कहा सख्त कदम उठाने से झिझकेंगे नहीं

RBI गवर्नर ने कहा कि फ्लोटिंग रेट वाले MSMEs लोन पर भी अब प्रीपेमेंट चार्ज नहीं लगेगा। आरबीआई गवर्न ने कहा कि ऊंची लागत NBFCs की स्थिरता के लिए बड़ा रिस्क है। कुछ NBFCs,MFIs, HFCs ज्यादा रिटर्न के पीछे भाग रहे हैं

अपडेटेड Oct 09, 2024 पर 11:43 AM
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गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि NBFCs को मौजूदा व्यवस्था की समीक्षा करनी होगी। लेंडर्स को नियमों ओर निगरानी पर सख्ती बरतनी होगी

RBI गवर्नर ने NBFCs सेक्टर को सख्त चेतावनी दी है। उनका कहना है कि कुछ NBFCs रिटर्न के पीछे ज्यादा भागते हैं। उन्होंने कहा कि NBFCs सेक्टर सेल्फ करेक्शन करे नहीं तो वो सख्त कदम उठाने से नहीं झिझकेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि फ्लोटिंग रेट वाले MSMEs लोन पर भी अब प्रीपेमेंट चार्ज नहीं लगेगा। आरबीआई गवर्न ने कहा कि ऊंची लागत NBFCs की स्थिरता के लिए बड़ा रिस्क है। कुछ NBFCs,MFIs, HFCs ज्यादा रिटर्न के पीछे भाग रहे हैं। जरूरत पड़ी तो NBFCs पर कदम उठाने से झिझक नहीं होगी।

उन्होंने आगे कहा कि NBFCs को मौजूदा व्यवस्था की समीक्षा करनी होगी। लेंडर्स को नियमों ओर निगरानी पर सख्ती बरतनी होगी। हाल में कुछ अनसिक्योर्ड लोन से चुनौतियां दिखी हैं। इनको लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है।

गवर्नर दास ने कहा कि कुछ एनबीएफसी  वास्तविक मांग के बजाय रिटेल टारगेट को बढ़ाने पर फोकस कर रहे हैं। ऐसे में  आरबीआई क्रेडिट कार्ड, एमएफआई लोन और अनसिक्योर्ड लोन पर आने वाले आंकड़ों पर 'बारीकी से नजर' रख रहा है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों और एनबीएफसी से अपने अनसिक्योर्ड लोन जोखिम का सावधानीपूर्वक आकलन करने को कहा है। उन्होंने यह भी कहा है कि कुछ लेंडर मजबूत अंडरराइटिंग प्रैक्टिस का पालन किए बिना आक्रामक रूप से ग्रोथ की तलाश कर रहे हैं। ये हेल्दी प्रैक्टिस नहीं है।


9 अक्टूबर को मौद्रिक नीति समिति के निर्णयों पर अपनी ब्रीफिंग के दौरान गवर्नर ने कहा, "एनबीएफसी द्वारा स्वयं सुधार करना वांछित विकल्प होगा, हालांकि आरबीआई इस पर कड़ी नजर रख रहा है और जरूत पड़ने पर कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगा।"

गवर्नर दास ने कहा कि कुछ एनबीएफसी, जिनमें एमएफआई और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां शामिल हैं, इक्विटी पर 'अत्यधिक' रिटर्न की तलाश में हैं। पूरे एनबीएफसी क्षेत्र का निशाने पर लिए बिना, शक्तिकांत दास ने कहा कि कुछ 'आउटलेयर' हैं, जिनके साथ आरबीआई बातचीत कर रहा है।

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आरबीआई ने ग्रोथ को गति देने के लिए शैडो लेंडर्स द्वारा टारगेट के इस 'पुश इफेक्ट' की ओर ध्यान आकर्षित किया और इस बात पर जोर दिया कि 'उच्च ऋणग्रस्तता' एनबीएफसी की मजबूती के लिए जोखिम पैदा कर सकती है। आरबीआई ने कहा कि चिंता तब पैदा होती है जब एनबीएफसी द्वारा ली जाने वाली ब्याज दरें 'अत्यधिक' हो जाती हैं।

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