RBI अगले वित्त वर्ष में 2-3 बार कर सकता है ब्याज दरों में बढ़ोतरी: Ambit Capital के धीरज अग्रवाल

आरबीआई ने खुदरा महंगाई के 6 फीसदी के अपरलिमिट को पार करने के बाद भी महंगाई के मोर्चे पर अपने रूख में कोई बदलाव नहीं किया है.

अपडेटेड Mar 30, 2022 पर 2:44 PM
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धीरज अग्रवाल का कहना है कि मार्च तिमाही में कंपनियों के अर्निंग को लेकर कोई बड़ा पॉजिटिव सरप्राइस देखने को नहीं मिलेगा.

CNBC-TV18 को 30 मार्च को दिए गए अपने एक इंटरव्यू में Ambit Capital के धीरज अग्रवाल ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में आरबीआई ब्याज दरों में 2-3 बार बढ़ोतरी कर सकता है। उन्होंने इस बातचीत में आगे कहा कि एक समय ऐसा आएगा जब आरबीआई इस निष्कर्ष पर आएगा कि महंगाई के दबाव से निपटने के लिए ब्याज दर बढ़ाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।

गौरतलब है कि आरबीआई ने खुदरा महंगाई के 6 फीसदी के अपरलिमिट को पार करने के बाद भी महंगाई के मोर्चे पर अपने रूख में कोई बदलाव नहीं किया है। यह भी बता दें कि फरवरी में थोक महंगाई दर पिछले 1 दशक के अपने सबसे ऊंचे स्तर पर रही है जो कि एक चिंताजनक बात है।

धीरज अग्रवाल ने इस बातचीत में आगे कहा कि अपने में यह चिंताजनक बात है कि भारत सहित पूरी दुनिया में ब्याज दरों में बढ़ोतरी इकोनॉमिक ग्रोथ और लागत में बढ़ोतरी की वजह से आई महंगाई के कारण की जा रही है जबकि 2005-07 के दौरान ब्याज दरों में बढ़ोतरी मजबूत इकोनॉमी ग्रोथ और बढ़ती मांग के कारण आई महंगाई के कारण की गई थी।


ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी बाजार पर दिखाएगी असर

उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में ब्याज दरों में की जा रही बढ़ोतरी बाजार के लिए थोड़ी चिंताजनक है क्योंकि यह बढ़ोतरी अपने स्वरूप में स्टैगफ्लेशनरी (stagflationary)है । बता दें कि किसी इकोनॉमी में स्टैगफ्लेक्शन उस स्थिति को कहते हैं कि जिसमें इकोनॉमी ग्रोथ की रफ्तार सुस्त पड़ जाती है लेकिन महंगाई और बेरोजगारी दोनों ऊंचे लेवल पर बनी रहती है।

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उन्होंने आगे कहा कि भारतीय संदर्भ में महंगाई और चिंताजनक हो जाती है क्योंकि इस समय भारत में थोक महंगाई और खुदरा महंगाई में काफी बड़ा अंतर है। जिसके चलते कंपनियों के मार्जिन पर काफी प्रतिकूल असर दिख रहा है जिससे आगे उनके कमाई पर दबाव बनने की संभावना है।

मार्च तिमाही में कंपनियों के अर्निंग को लेकर किसी बड़े पॉजिटिव सरप्राइज  की संभावना नहीं

धीरज अग्रवाल का कहना है कि मार्च तिमाही में कंपनियों के अर्निंग को लेकर कोई बड़ा पॉजिटिव सरप्राइस देखने को नहीं मिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि कोरोना के चलते लागू प्रतिबंधों के हटने के कारण कॉन्टैक्ट इन्टेंसिव ( ऐसे कारोबार जिसमें परस्पर सीधा संबंध होने की संभावना रहती है) कारोबार की अर्निंग में अच्छी मजबूती रहने की संभावना है। गौरतलब है कि 13 अप्रैल को आईटी दिग्गज Infosys के नतीजों के साथ ही मार्च तिमाही के नतीजों का आना शुरू हो जाएगा।

पूरे साल दायरे में रहेगा बाजार

बाजार पर बात करते हुए धीरज अग्रवाल ने कहा कि इस पूरे साल बाजार कमजोरी के रूझान के साथ भारी उतार-चढ़ाव के बीच दायरे में कारोबार करता नजर आएगा। हालांकि बाजार में किसी भारी गिरावट की संभावना नहीं है।

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