आरबीआई के लिए फिर से मुश्किल बढ़ गई है। इकोनॉमिक ग्रोथ में सुस्ती है, इनफ्लेशन बढ़ा है और वैश्विक स्थितियां चुनौतीपूर्ण दिख रहा है। केंद्रीय बैंक ने 6 दिसंबर को इन स्थितियों को ध्यान में रख अपनी मॉनेटरी पॉलिसी पेश की। इंटरेस्ट रेट में लगातार 11वीं बार कोई बदलाव नहीं किया। कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) 50 बेसिस प्वाइंट्स घटाने का ऐलान किया। सीआरआर 50 बेसिस प्वाइंट्स घटने से बैंकिंग सिस्टम में 1.2 लाख करोड़ रुपये आ जाएंगे। इससे लिक्विडिटी बढ़ेगी। केंद्रीय बैंक ने बैंकों को एफसीएनआर अकाउंट्स के जरिए भी पैसे जुटाने को कहा है। इससे बैकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ेगी।
सुस्त पड़ती ग्रोथ और बढ़ते इनफ्लेशन से चिंता
RBI ने FY25 के लिए जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) के अनुमान में कमी कर दी। इनफ्लेशन (Inflation) के अपने अनुमान को बढ़ा दिया। इनफ्लेशन खासकर बढ़ते फूड इनफ्लेशन ने आम आदमी की मुश्किल बढ़ाई है। इससे कंजम्प्शन घटा और प्राइवेट इनवेस्टमेंट में कमी आई है। यह इकोनॉमी की ग्रोथ के लिहाज से ठीक नहीं है। लेकिन, आरबीआई और सरकार की नजरें इस पर है। आरबीआई का फोकस इनफ्लेशन को काबू में करने पर है। उधर, सरकार का प्लान पूंजीगत खर्च बढ़ाकर इकोनॉमी की रफ्तार तेज करने का है। इस बीच, स्टॉक मार्केट्स (Stock Markets) में कंसॉलिडेशन जारी रहने की उम्मीद है। इनवेस्टर्स गिरावट के मौके का इस्तेमाल निवेश के लिए कर सकते हैं। फिलहाल एक बार में ज्यादा निवेश नहीं करना ठीक रहेगा।
न्यूजेन सॉफ्टेवेयर के शेयरों में 6 दिसंबर को 3.3 फीसदी की तेजी आई थी। इसकी वजह ब्रोकरेज फर्म Jefferies की रिपोर्ट है। जेफरीज ने Newgen Software के शेयरों में तेजी की उम्मीद जताई है। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि नए ऑर्डर्स और नए क्लाइंट्स मिलने से न्यूजेन सॉफ्टवेयर की अच्छी ग्रोथ जारी रहने की उम्मीद है। हालांकि, इस स्टॉक में तेजी काफी तेजी दिखी है। पिछले हफ्ते यह 15 फीसदी चढ़ा है। इससे स्टॉक में जल्द तेजी की उम्मीद कम है। अगर BFSI डील पूरी करने में देर होती है तो इसका असर कंपनी के रेवेन्यू पर पड़ सकता है।
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जेन टेक्नोलॉजीज के शेयर 6 दिसंबर को 1.4 फीसदी चढ़कर 1,913 रुपये पर क्लोज हुए। नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने Zen Technologies के शेयरों को खरीदने की सलाह दी थी। इससे कंपनी के शेयर ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गए थे। AVT Simulation से पार्टनरशिप का असर भी इस स्टॉक पर दिखा है। इस पार्टनरशिप से कंपनी को अमेरिकी डिफेंड मार्केट में उतरने में मदद मिलेगी। कपनी ने अगले 2-3 साल में PAT मार्जिन 25 फीसदी और रेवेन्यू सीएजीआर 50 फीसदी का गाइडेंस दिया है। हालांकि, बढ़ती प्रतिस्पर्धा का असर कंपनी की ग्रोथ पर पड़ सकता है। सरकार की पॉलिसी में बदलाव का असर डिफेंस बजट पर पढ़ सकता है। यह जेन टेक्नोलॉजी के लिए बड़ा रिस्क है।
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