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Reciprocal tariff : आज रात से लागू होंगे ट्रंप टैरिफ, भारत से होने वाले फोन निर्यात को लगेगा झटका !

Trump tariff : अमेरिका के नए रेसिप्रोकल टैरिफ लागू होने से फोन निर्यात का कारोबार चीन या वियतनाम में शिफ्ट हो सकता है। देश से होने वाले इलेक्ट्रॉनिक एक्सपोर्ट 13.5 अरब डॉलर पर रहने के अनुमान हैं। इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री को लगता है टैरिफ कुछ समय के लिए होंगे। जल्दी ही भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय करार होगा

अपडेटेड Apr 02, 2025 पर 2:37 PM
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Trump tariff : अमेरिका चाहता है कि भारतीय बाजार में माल भेजने पर लगने वाले शुल्क में कटौती की जाए। अमेरिका भारत को ज्यादा शुल्क वसूलने वाला देश मानता है

Trump tariffs : आज रात से अमेरिका के नए रेसिप्रोकल टैरिफ लागू हो जाएंगे। अगर ऐसा होता है तो अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले फोन पर करीब 16 फीसदी का टैरिफ लगेगा। टैरिफ का इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री और मोबाइल इंडस्ट्री पर क्या असर होगा,ये बताते हुए सीएनबीसी -आवाज संवाददाता असीम मनचंदा ने कहा कि अमेरिका के नए रेसिप्रोकल टैरिफ भारत से होने वाले फोन निर्यात को झटका लगेगा। अभी भारत जीरो ड्यूटी पर निर्यात करता है। वहीं, भारत आयत पर 16.5 फीसदी टैरिफ लगाता है। भारत करीब 10 अरब डॉलर के फोन निर्यात करता है। वहीं, भारत करीब 8 अरब डॉलर के iPhone आयात करता है।

अमेरिका के नए रेसिप्रोकल टैरिफ लागू होने से फोन निर्यात का कारोबार चीन या वियतनाम में शिफ्ट हो सकता है। देश से होने वाले इलेक्ट्रॉनिक एक्सपोर्ट 13.5 अरब डॉलर पर रहने के अनुमान हैं। इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री को लगता है टैरिफ कुछ समय के लिए होंगे। जल्दी ही भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय करार होगा।

गौरतलब है कि अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ कुछ लोगों की अपेक्षा से पहले ही लागू होने जा रहे हैं। पूर्व घोषणा के अनुसार दो अप्रैल देर रात या गुरुवार सुबह अमेरिका की तरफ से पारस्परिक शुल्क लागू कर दिए जाएंगे। इसके मद्देनजर भारत के व्यापार पर पड़ने वाले असर को ध्यान में रखते हुए वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय अपनी रणनीति की घोषणा करेगा। इसके पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एलान किया था कि अमेरिका अलग-अलग देशों द्वारा लगाए जाने वाले टैरिफ के बराबर टैरिफ ही लगाएगा। ट्रंप ने दावा किया था कि भारत अपने टैरिफ में काफी कमी करने जा रहा है।


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अमेरिका चाहता है कि भारतीय बाजार में माल भेजने पर लगने वाले शुल्क में कटौती की जाए। अमेरिका भारत को ज्यादा शुल्क वसूलने वाला देश मानता है। अमेरिका भारत में अपनी टेक कंपनियों पर लगने वाले शुल्क व डाटा को भारत से बाहर नहीं जाने देने की नीति को भी व्यापार में बाधा मानता है।

सूत्रों के मुताबिक ट्रंप का जवाबी टैरिफ अगर सेक्टर के हिसाब से होगा तो भारत की रणनीति अलग होगी और तब शायद भारत को इससे कोई नुकसान नहीं होगा, क्योंकि जिन वस्तुओं का भारत निर्यात करता है, उन वस्तुओं का निर्यात अमेरिका नहीं करता है।

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