Regaal Resources IPO Listing: मक्के के प्रोडक्ट्स बनाने वाली रीगल रिसोर्सेज के शेयरों की आज घरेलू मार्केट में धांसू एंट्री हुई। इसके आईपीओ को निवेशकों का धांसू रिस्पांस मिला था और इसे ओवरऑल 159 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत ₹102 के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE पर इसकी ₹141.80 और NSE पर ₹141.00 पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को करीब 39% का लिस्टिंग गेन (Regaal Resources Listing Gain) मिला। लिस्टिंग के बाद शेयर और ऊपर चढ़े। उछलकर BSE पर यह ₹145.70 (Regaal Resources Share Price) पर पहुंच गया। हालांकि दिन के आखिरी में यह ₹131.65 पर बंद हुआ है यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक 29.07% मुनाफे में हैं।
Regaal Resources IPO के पैसे कैसे होंगे खर्च
रीगल रिसोर्सेज का ₹306.00 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 12-14 अगस्त तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 159.87 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 190.96 गुना (एंकरबुक छोड़कर), नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 356.72 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 57.75 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत ₹210.00 करोड़ के नए शेयर जारी हुए हैं। इसके अलावा ₹5 की फेस वैल्यू वाले 94.12 लाख शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिके हैं। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिला है। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से ₹159.00 करोड़ कर्ज हल्का करने और बाकी पैसे आम कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च होंगे।
Regaal Resources के बारे में
वर्ष 2012 में बनी रीगल रिसोर्सेज मक्के से जुड़े प्रोडक्ट्स बनाती है जिसकी सालाना क्रशिंग कैपेसिटी 750 टन की है। यह मक्के के स्टार्च के साथ-साथ ग्लूटेन, जर्म,फाइबर, मक्के का आटा, आइसिंग शुगर, कस्टर्ड पाउडर और बेकिंग पाउडर बनाती है। इसकी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट बिहार के किशनगंज में है जो 54.03 एकड़ में फैली हुई है। इसके प्रोडक्ट्स का नेपाल और बांग्लादेश को निर्यात भी होता है।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2023 में इसे ₹16.76 करोड़ का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2024 में उछलकर ₹22.14 करोड़ और वित्त वर्ष 2025 में ₹47.67 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी की टोटल इनकम सालाना 37% से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर ₹917.58 करोड़ पर पहुंच गई। हालांकि इस दौरान कंपनी पर कर्ज भी लगातार बढ़ा जोकि वित्त वर्ष 2023 के आखिरी में ₹188.93 करोड़ और वित्त वर्ष 2024 के आखिरी में ₹357.21 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 के आखिरी में ₹507.05 करोड़ पर पहुंच गया।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।