Reliance Industries : मार्केट कैप के लिहाज से सबसे बड़े ग्रुप रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने अपने निवेशकों को मालामाल कर दिया है। यह लगातार पांचवें फाइव-ईयर टर्म में अपने निवेशकों के लिए सबसे बड़ा वेल्थ क्रिएटर बनकर उभरा है। 14 दिसंबर को जारी अपने 28वें एनुअल वेल्थ क्रिएशन स्टडी में मुंबई स्थित ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 2018 से 2023 की अवधि (31 मार्च 2023 तक) में 9.63 लाख करोड़ रुपये जोड़े हैं।
इस रिपोर्ट के मुताबिक लिस्ट में टॉप 100 कंपनियों द्वारा बनाई गई कुल संपत्ति में RIL का योगदान 13.7 फीसदी है। इसके अलावा, टॉप 5 कंपनियों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), ICICI Bank, इंफोसिस और भारती एयरटेल भी शामिल हैं, जिन्होंने अपने निवेशकों को सबसे अधिक मुनाफा कराया है। इसके बाद लिस्ट में अगली पांच कंपनियां हिंदुस्तान यूनिलीवर, भारतीय स्टेट बैंक (SBI), बजाज फाइनेंस, अदाणी एंटरप्राइजेज और HCL टेक्नोलॉजीज हैं।
बता दें कि यहां वेल्थ क्रिएशन का मतलब पिछले पांच सालों में मार्केट कैप में बढ़ोतरी से है। यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब 14 दिसंबर को फोर्ब्स के आंकड़ों के मुताबिक चेयरमैन मुकेश अंबानी 95.8 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया के 14वें सबसे अमीर व्यक्ति बन गए। इतना ही नहीं, रिपोर्ट के अनुसार रिलायंस ग्रुप ने पिछले 17 सालों में सालाना जारी होने वाली सबसे बड़ी वेल्थ क्रिएटर की लिस्ट में 10 बार टॉप पोजिशन हासिल किया है।
हालांकि, RIL के शेयरों में साल 2023 में अब तक 4.5 फीसदी की गिरावट आई है और पिछले वर्ष इसमें करीब 6% की गिरावट आई थी। पिछले पांच सालों में स्टॉक ने 123 फीसदी का भारी रिटर्न दिया है। वहीं, इस दौरान बेंचमार्क सेंसेक्स में 95 फीसदी का उछाल देखा गया। पांच साल की अवधि में सबसे तेजी से संपत्ति बनाने वाला लॉयड्स मेटल्स रहा, जिसका पांच साल का प्राइस CAGR 79 फीसदी है। इसके बाद अदाणी एंटरप्राइजेज आता है, जिसका 2018-2023 की अवधि में 78 फीसदी CAGR रहा।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए रहा बदलाव का दशक
यह रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए बदलाव का दशक रहा है। 2014 में यह एनर्जी सेक्टर की दिग्गज कंपनी थी। आज यह देश की सबसे बड़ी रिटेल चेन है, सब्सक्राइबर बेस के आधार पर सबसे बड़ा टेलीकॉम ऑपरेटर है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित कई सेक्टर्स में इसका बड़ा निवेश है।
इससे पहले अक्टूबर में, रिलायंस इंडस्ट्रीज का जुलाई से सितंबर तिमाही में मुनाफा तिमाही आधार पर करीब 9 फीसदी बढ़कर 17,394 करोड़ रुपये हो गया। वहीं, रेवेन्यू 12 फीसदी से अधिक बढ़कर 255,996 करोड़ रुपये हो गया।
(डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल, नेटवर्क18 ग्रुप का हिस्सा है। नेटवर्क18 का नियंत्रण इंडिपेंडेट मीडिया ट्रस्ट करता है, जिसकी एकमात्र लाभार्थी रिलायंस इंडस्ट्रीज है।)