बाजार में अभी रिटेल निवेशक नहीं कर रहें पैनिक, इंडस्ट्रियल, सिक्लिकल थीम आगे करेंगे बेहतर- आलोक अग्रवाल

आलोक अग्रवाल ने आगे कहा कि सरकार का फोकस मैन्यूफैक्चरिंग, कैपेक्स को भी बढ़ावा देने पर जरुर रहा है। भारत इस समय कैपेक्स के दौर से गुजर रहा है। कैपेक्स ओरिएंटेट ग्रोथ साइकिल रहा है। जिसके चलते इंडस्ट्रियल, सिक्लिकल थीम, आगे बहुत शानदार प्रदर्शन करते नजर आएंगे।

अपडेटेड Nov 09, 2024 पर 9:58 AM
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आलोक ने कहा कि एफआईआई का निजी बैंकों में एक्सपोजर ज्यादा रहा है। और ये पिछले दशक में अच्छा परफॉर्म करते भी नजर आए थे।

बाजार में करेक्शन का दौर कायम है। खासकर मिडकैप और स्मॉलकैप में गिरावट काफी तेज है। ऐसे बाजार में निवेशकों को क्या करना चाहिए। किन सेक्टर्स पर फोकस रहना चाहिए। इन सभी मुद्दों और बाजार के आगे के आउटलुक पर बात करते हुए अलकेमी कैपिटल मैनेजमेंट के QUANT हेड और फंड मैनेजर आलोक अग्रवाल ने कहा कि एफआईआई की भारतीय बाजार में बड़ी बिकवाली और महंगे वैल्यूएशन के चलते बाजार में दबाव देखने को मिला। मिड-स्मॉलकैप शेयरों में भी ज्यादा गिरावट देखने को मिली है।

बाजार में अभी रिटेल निवेशक पैनिक नहीं

आलोक अग्रवाल ने आगे कहा कि आमतौर पर देखा गया है कि जब भी एफआईआई की बिकवाली थमीं है उस वक्त बाजार में शानदार रिकवरी भी दिखती है। दूसरी छमाही में कॉर्पोरेट अर्निंग ग्रोथ अच्छी रहने की उम्मीद है। इकोनॉमी ग्रोथ में भी अच्छा है। उनका कहना है कि बाजार में अभी रिटेल निवेशक पैनिक नहीं कर रहे हैं। आगे बाजार में जल्द रिकवरी की पूरी संभावनाए नजर आ रही है।


बैकों में कम दिख रहा ग्रोथ

प्राइवेट सेक्टर बैंक पर बात करते हुए आलोक ने कहा कि एफआईआई का निजी बैंकों में एक्सपोजर ज्यादा रहा है। और ये पिछले दशक में अच्छा परफॉर्म करते भी नजर आए थे। क्रेडिट ग्रोथ, नेट इंटरेस्ट मार्जिन और क्रेडिट कॉस्ट अगर अच्छे होते है तो बैंकों के परफॉर्मेंस और भी बेहतर होने की उम्मीद बढ़ जाती है। लेकिन बैंकों के क्रेडिट ग्रोथ में नरमी देखने को मिल रही है। बैंकों के क्रेडिट ग्रोथ 2.5 साल के निचले स्तर पर है। बैंकों के नेट इंटरेस्ट मार्जिन में ग्रोथ नहीं आ रही है जिसके कारण प्राइवेट सेक्टर बैंक में दबाव देखने को मिल रहा है। बैकों में ग्रोथ कम दिख रहा है। अभी बैंकों में निवेश करने से बचने की सलाह होगी।

इंडस्ट्रियल, सिक्लिकल थीम आगे करेंगे बेहतर

आलोक अग्रवाल ने आगे कहा कि सरकार का फोकस मैन्यूफैक्चरिंग, कैपेक्स को भी बढ़ावा देने पर जरुर रहा है। भारत इस समय कैपेक्स के दौर से गुजर रहा है। कैपेक्स ओरिएंटेट ग्रोथ साइकिल रहा है। जिसके चलते इंडस्ट्रियल, सिक्लिकल थीम, आगे बहुत शानदार प्रदर्शन करते नजर आएंगे। अभी भले ही इनमें करेक्शन देखने को मिला है लेकिन आगे इनमें तेजी देखने को मिलेगी।

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