एक साल तक कंसॉलिडेशन के बाद स्टॉक मार्केट्स की वैल्यूएशन कम हुई है। अब लिस्टेड और प्राइवेट कंपनियों में निवेश के अच्छे मौके दिख रहे हैं। अलकेमी कैपिटल मैनेजमेंट के डायरेक्टर और चीफ इनवेस्टमेंट अफसर हिरेन वेद ने बात कही है। मनीकंट्रोल से बातचीत में उन्होंने इनवेस्टमेंट और स्टॉक मार्केट्स के बारे में कई अहम बातें बताईं। उन्होंने कहा कि मार्केट में काफी लिक्विडिटी है। एक साल पहले के मुकाबले वैल्यूएशंस अट्रैक्टिव है। हर हफ्ते दो से तीन कंपनियां फंड जुटा रही हैं।
इन सेक्टर्स में दिख रहे निवेश के मौके
उन्होंने कहा कि कंसॉलिडेशन की वजह से लॉन्ग टर्म और सेलेक्टिव इनवेस्टर्स के लिए निवेश के मौके बने हैं। एआई आधारित सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म्स और डेटा-सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर का महत्व बढ़ रहा है। डिफेंस और एयरोस्पेस मजेदार दिख रहे हैं। इस सेक्टर की न सिर्फ बड़ी कंपनियां बल्कि छोटी कंपनियां भी अट्रैक्टिव हैं। एनर्जी और पावर इक्विपमेंट कंपनियां भी अच्छी दिख रही हैं। हमारा फोकस बड़ी फाइनेंशियल कंपनियों पर नहीं है। लेकिन, फिनटेक और टेक्नोलॉजी आधारित प्लेटफॉर्म्स पर हमारी नजरें हैं। हमारे टारगेट में 10,000 करोड़ से कम मार्केट कैप वाली कंपनियां हैं।
गिफ्ट सिटी में एयूम 3 से 4 गुना बढ़ सकता है
गिफ्ट सिटी के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि इसके लिए अच्छी संभावनाएं हैं। लेकिन यह अभी शुरुआती अवस्था में है। पहले मुट्ठीभर मैनेजर्स ही मॉरीशस या सिंगापुर में कॉम्प्लेक्स ऑफशोर स्ट्रक्चर्स बना सकते थे। गिफ्ट सिटी ने इसे आसान बना दिया है। अब छोटे मैनेजर्स भी अपने प्रोडक्ट्स तैयार कर सकते हैं, उनकी मार्केटिंग कर सकते हैं और अपने इनवेस्टर बेस का विस्तार कर सकते हैं। आप अगले दो साल में गिफ्ट सिटी में एयूएम में 3 से 4 गुना उछाल की उम्मीद कर सकते हैं।
मार्केट साइकिल में अनुशासन बरतने वालों को फायदा
वेद ने कहा कि हमने इस फाइनेंशियल ईयर की चौथी तिमाही में डोमेस्टिक लॉन्ग-शॉर्ट स्ट्रेटेजी लॉन्च करने का प्लान बनाया है। यह डोमेस्टिक इनवेस्टर्स के लिए होगा। अगर यह प्रोडक्ट सफल रहता है तो हम अगले साल गिफ्टी सिटी का वेरिएंट लॉन्च करने के बारे में सोचेंगे। इसके पीछे हमारी सोच स्पष्ट है। जैसे-जैसे इनवेस्टर बेस बढ़ेगा, डिफरेंशिएटेड रिस्क-रिवॉर्ड प्रोफाइल की डिमांड बढ़ेगी। मार्केट्स साइकिल में चलते हैं। इस फेज में अनुशासन बरतने वाले फायदे में रहते हैं।