Gold Investment : सेबी ने डिजिटल गोल्ड को निवेश के लिए सुरक्षित नहीं माना है। सेबी का कहा है कि ये उनके रेगुलटेरी दायरे में नहीं आता है। ऐसे में अगर निवेशकों को नुकसान हुआ तो उन्हें सुरक्षा नहीं मिलेगी। सेबी की इस चेतावनी को समझाते हुए सीएनबीसी-आवाज़ की कमोडिटी एडिटर मनीषा गुप्ता ने बताया है कि 'डिजिटल गोल्ड' सेफ नहीं है। SEBI ने इसको ध्यान में रखते हुए निवेशकों के लिए चेतावनी जारी की है। रेगुलेटरी दायरे से बाहर डिजिटल गोल्ड में निवेश में बड़े जोखिम की आशंका है। कई प्लेटफॉर्म डिजिटल गोल्ड जारी कर रहे हैं।
SEBI की चेतावनी में आगे कहा गया है कि कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म डिजिटल गोल्ड को प्रोमोट कर रहे हैं। इसको फिजिकल गोल्ड के विकल्प के तौर प्रमोट किया जा रहा है। तमाम प्लेटफॉर्म डिजिटल गोल्ड में निवेश की पेशकश कर रहे हैं। डिजिटल गोल्ड सिक्योरिटीज में नोटिफाई नहीं है। यह कमोडिटी डेरिवेटिव्स के रूप में भी रेगुलेटेड नहीं है।
कोई नहीं आएगा काम?
ई-गोल्ड के निवेश को कोई रेगुलेटरी सुरक्षा नहीं है। ई-गोल्ड के निवेश इन्वेस्टर सेफ्टी सिस्टम के दायरे से बाहर हैं। अगर कोई धोखाधड़ी हुई या कंपनी दिवालिया हुई। तो आपका पैसा फंस जाएगा। आपको सिक्योरिटी मार्केट सिस्टम से मदद नहीं मिल पाएगी।
ई-गोल्ड नहीं तो कहां करें निवेश?
अब सवाल ये है कि अगर ई-गोल्ड सुरक्षित नहीं है तो कहां करें निवेश? इस पर निवेशकों को सेबी की सलाह है कि वे गोल्ड ETF और EGR में निवेश करें। SEBI का कहना है की ETF और EGR दोनों रेगुलटेरी दायरे में आते हैं।
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