सेबी ने रिटेल इनवेस्टर्स के एल्गोरिदम ट्रेडिंग के लिए फ्रेमवर्क लागू करने की समयसीमा बढ़ा दी है। इससे स्टॉक ब्रोकर्स को नई गाइडलाइंस के पालन के लिए ज्यादा समय मिल गया है। सेबी ने इस बारे में 30 सितंबर को एक सर्कुलर जारी किया है। यह फ्रेमवर्क पहले 1 अगस्त, 2025 से लागू होने वाला था। लेकिन, इसके लागू होने की तारीख बढ़ाकर 1 अक्टूबर, 2025 कर दी गई थी। सेबी ने ब्रोकर्स और वेंडर्स की मांग पर इसे एक बार फिर टाल दिया है।
स्टॉक ब्रोकर्स और वेंडर्स ने अतिरिक्त समय मांगा था
Stock Brokers और वेंडर्स ने SEBI से कहा था कि सितंबर में स्टॉक एक्सचेंजों की तरफ से जारी किए गए स्पष्टीकरण के बाद उन्हें सिस्टम में जरूरी बदलाव करने के लिए अतिरिक्त समय चाहिए। इसके बाद सेबी ने 30 सितंबर को सर्कुलर जारी किया। इसमें कहा गया है, "फ्रेमवर्क को सही तरीके से लागू करने के लिए रेगुलेटर ने एक्सचेंजों, ब्रोकर्स एसोसिएशंस और एल्गो वेंडर्स से बातचीत की है। इससे पता चला कि ज्यादातर स्टॉक ब्रोकर्स अपने सिस्टम में जरूरी बदलाव करने के लिए कुछ और समय चाहते हैं।"
सभी एल्गो स्ट्रेटेजी का रेजिस्ट्रेशन कराना होगा
इस फ्रेमवर्क के मुताबिक, स्टॉक ब्रोकर्स को 31 अक्टूबर, 2025 तक एपीआई के जरिए कम से कम एक रिटेल एल्गो स्ट्रेटेजी के रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई करना होगा। रिटेल एल्गो प्रोडक्ट और कुछ स्ट्रेटेजी का रेजिस्ट्रेशन निश्चित रूप से 30 नवंबर, 2025 तक पूरे हो जाने चाहिए। 3 जनवरी, 2026 तक कम से कम एक फुल फ्लेज्ड मॉक ट्रेडिंग सेशन में पार्टिसिपेशन जरूरी होगा। इन समयसीमा का पालन नहीं करने वाले ब्रोकर्स को 5 जनवरी, 2026 से एपीआई आधारित एल्गो ट्रेडिंग के वास्ते नए क्लाइंट्स जोड़ने की इजाजत नहीं होगी।
ऑपरेशनल स्टैंडर्ड्स 1 अप्रैल, 2026 से लागू होंगे
सभी ऑपरेशनल स्टैंडर्ड्स के साथ फ्रेमवर्क सभी ब्रोकर्स के लिए 1 अप्रैल, 2026 से लागू हो जाएंगे। सेबी के सर्कुलर में कहा गया है कि जो स्टॉक ब्रोकर्स 1 अक्टूबर, 2025 से लाइव होने के लिए तैयार नहीं हैं उन्हें 30 सितंबर, 2025 को एक्सचेंजों को अपने मौजूदा क्लाइंट्स की संख्या की जानकारी स्टॉक एक्सचेंजों को देने की सलाह दी जाती है। रेगुलेटर ने यह भी कहा है कि 1 अप्रैल, 2026 से सभी इंप्लिमेंटेशन स्टैंडर्ड्स और फ्रेमवर्क सभी स्टॉक ब्रोकर्स के लिए लागू हो जाएंगे।
इनवेस्टर्स, ब्रोकर्स, एक्सचेंज की जिम्मेदारी तय होगी
सेबी रिटेल इनवेस्टर्स के एल्गो ट्रेडिंग में पार्टिसिपेशन से पहले इनवेस्टर्स, ब्रोकर्स, एल्गो प्रोवाइडर्स/वेंडर्स और मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस (MIIs) की जिम्मेदारियां तय करना चाहता है। MIIs के तहत स्टॉक एक्सचेंज, डिपॉजिटरीज और क्लियरिंग कॉर्पोरेशंस आते हैं। फ्रेमवर्क के तहत सभी एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी को पक्के तौर पर एक्सचेंजों के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा। फिर उन्हें यूनिक आइडेंटिफिकेशन मिलेगा।