इस फाइनेंशियल ईयर में अर्निंग्स ग्रोथ अच्छी रह सकती है। राइट हराइजंस पीएमएस के अनिल रेगो ने यह उम्मीद जताई है। उनका मानना है कि इस वित्त वर्ष में अर्निंग्स ग्रोथ 12 फीसदी तक पहुंच सकती है। इसमें इकोनॉमी की अच्छी सेहत, इनपुट कॉस्ट में नरमी और अनुकूल पॉलिसी का हाथ होगा। मनीकंट्रोल से बातचीत में उन्होंने स्टॉक मार्केट्स और इनवेस्टमेंट के बारे में कई अहम बातें बताईं। उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट प्रॉफिट और जीडीपी का रेशियो 17 साल के 4.7 फीसदी के हाई पर बना हुआ है। इससे अर्निंग्स में स्ट्रक्चरल स्ट्रेंथ का पता चलता है।
12 लाख तक की इनमक टैक्स-फ्री होने से टू-व्हीलर्स की सेल बढ़ेगी
Anil Rego ने कहा कि टू-व्हीलर स्पेस (Two Wheelers Stocks) में निवेश की अच्छी संभावनाएं दिख रही हैं। ग्रामीण इलाकों में डिमांड में रिकवरी है। लोगों के खर्च करने की क्षमता भी बढ़ रही है। उधर, सरकार ने सालाना 12 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स से छूट दे दी है। इसका फायदा करीब 3.5 करोड़ टैक्सपेयर्स को मिलेगा। इससे लोगों की खर्च करने की क्षमता करीब 1 लाख करोड़ रुपये बढ़ी है। इसका सीधा असर टू-व्हीलर्स की डिमांड पर पड़ेगा। खासकर उन दोपहियों की बिक्री ज्यादा बढ़ेगी, जिनका इस्तेमाल परिवार रोजाना की जरूरतें पूरी करने के लिए करते हैं।
ग्रामीण इलाकों में डिमांड में आ रही रिकवरी
उन्होंने कहा कि इस बार मानसून की बारिश अच्छी रहने की उम्मीद है। उधर, फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ने से ग्रामीण इलाकों में सेंटिमेंट मजबूत है। महंगाई भी काबू में आ गई है। इसका पॉजिटिव असर प्राइस-सेंसिटिव सेगमेंट्स पर पड़ेगा। मई 2025 में टू-व्हीलर्स के सेल्स डेटा में इसके शुरुआती संकेत देखने को मिले थे। टू-व्हीलर्स के वॉल्यूम की CAGR FY27 में करीब 13 फीसदी रह सकती है। हालांकि, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स में लोगों की दिलचस्पी बढ़ रही है।
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इंडिया में एविएशन सेक्टर की ग्रोथ दूसरे देशों से ज्यादा
होटल सेक्टर के बारे में उन्होंने न्यूट्रल नजरिया व्यक्त किया। एविएशन सेक्टर के बारे में उन्होंने कहा कि इस सेक्टर की ग्रोथ किसी देश की इकोनॉमिक ग्रोथ से जुड़ी होती है। इंडिया में एविएशन सेक्टर की ग्रोथ अच्छी रही है। इसमें इकोनॉमिक और पॉलिसी से जुड़े कदमों का हाथ है। ग्लोबल एयर ट्रैवल की ग्रोथ आम तौर पर जीडीपी की ग्रोथ की करीब 2.1 गुना होती है। लेकिन, इंडिया में यह ग्रोथ 2.8 गुना रही है। इसमें एयर ट्रैवल से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर में आ रहे बदलाव का भी हाथ है। देश में 2014 में 74 ऑपरेशनल एयरपोर्ट्स थे। यह संख्या बढ़कर 162 हो गई है।