online bond platform: मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में अब तक ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म पर रिटेल इनवेस्टर गतिविधियों में 30-40 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान रिटेल इनवेस्टर्स द्वारा ऐसे हर प्लेटफॉर्म पर निवेश की रकम में 60-80 पर्सेंट तक की बढ़ोतरी देखने को मिली है। मनीकंट्रोल की एनालिसिस में यह बात सामने आई है। जानकारों के मुताबिक, निवेश में बढ़ोतरी की वजह बॉन्ड से जुड़ी प्रक्रिया को आसान बनाया जाना है।
GoldenPi (गोल्डनपी) के CEO अभिजीत रॉय ने बताया, 'हाल के वर्षों में अगर डेट मार्केट की बात की जाए, तो फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंटे्स में ब्याज दरों में बढ़ोतरी हुई है। रेगुलटर के स्तर पर पहल और डिजिटाइजेशन के बढ़ते प्रचलन की वजह से चीजें आसान हुई हैं।' यूबी (Yubi) ग्रुप ऑफ कंपनीज के फाउंडर और CEO गौरव कुमार ने बताया, 'इस बदलाव से साफ है कि बॉन्ड अब डेट का महज विकल्प बनने के बजाय पैसे बनाने का असरदार टूल साबित हो सकता है।
ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म ऐसी कंपनियां होती हैं, जिनके पास निवेशकों को बॉन्ड या नॉन-कन्वर्बिटल डिबेंचर की बिक्री के लिए वेबसाइट या मोबाइल ऐप्लिकेशन होते हैं। इन प्लेटफॉर्म पर जो इंस्ट्रूमेंट्स ऑफर किए जाते हैं, उनमें पब्लिक सेक्टर यूनिट्स (PSUs) द्वारा जारी बैंक बॉन्ड, गवर्नमेंट गारंटी बॉन्ड, स्टेट डिवेलपमेंट लोन, सोवरेन गोल्ड बॉन्ड, रियल एस्टेट बॉन्ड, पब्लिक इश्यू बॉन्ड आदि शामिल हैं।
भारत में फिलहाल 15 से भी ज्यादा ऑनलाइन बॉन्ड ट्रेडिंग प्लैटफॉर्म हैं, जिन्हें सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) से मान्यता मिली हुई है। इनमें इंडियाबॉन्ड्स (IndiaBonds), गोल्डनपी (GoldenPi), द फिक्स्ड इनकम (Fixed Income), विंट वेल्थ (Wint Wealth), बॉन्ड्सकार्ट (Bondskart), एस्पेरो (Aspero), स्टेबल मनी (Stable Money), ग्रिप इनवेस्ट (Grip Invest) और बॉन्ड्स इंडिया (Bonds India) आदि शामिल हैं।