सम्वत 2080 की शुरुआत दिवाली से हो जाएगी। नया साल पिछले साल से अलग होगा। काफी उतार-चढ़ाव के बाद एक साल में निफ्टी में सिर्फ 3.5 फीसदी रिटर्न दिया है। निवेशकों को सम्वत 2080 बेहतर रहने की उम्मीद है। नए सम्वत में लोगों की दिलचस्पी लार्जकैप स्टॉक्स में रहने की उम्मीद है। सम्वत 2079 में इनवेस्टर्स ने मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई। सम्वत 2080 में इंटरेस्ट रेट में कमी होने की भी उम्मीद है। नए सम्वत में फंडों का निवेश भी अच्छा रहने की संभावना है। हालांकि, सम्वत 2079 में भी विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बिकवाली से ज्यादा खरीदारी की है। हालांकि, अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों का असर स्टॉक्स मार्केट्स पर पड़ सकता है। इससे पहले पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। इनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम शामिल हैं।
मध्य-पूर्व में चल रही लड़ाई पर भी निवेशकों की नजरें लगी हैं। सम्वत 2079 में निवेशकों की नजरें इंटरेस्ट रेट बढ़ने और ग्लोबल इकोनॉमिक स्लोडाउन पर थी। अमेरिका में बैंकिंग क्राइसिस देखने को मिली। सिलीकॉन वैली डूबने की खबर ने अमेरिकी बैंकिंग सेक्टर को हिला दिया। इधर, इंडिया में अदाणी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद इस समूह की कंपनियों के स्टॉक्स में बड़ी गिरावट देखने को मिली। इसका असर स्टॉक मार्केट पर भी पड़ा। इससे मार्च में निफ्टी गिरकर 17,000 प्वाइंट्स पर आ गया।
उसके बाद शेयर बाजार में शानदार तेजी देखने को मिली। इससे सितंबर में निफ्टी 20,222 के ऑलटाइम हाई पर पहुंच गया। हालांकि, अब निफ्टी ऑल-टाइम हाई से 10 फीसदी गिर चुका है। इससे निवेशकों में थोड़ी घबराहट है। 2023 इसलिए भी खास रहा क्योंकि लार्जकैप स्टॉक्स के मुकाबले मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा। Nifty Midcap 100 इंडेक्स ने 23 फीसदी रिटर्न दिया, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स का रिटर्न 30 फीसदी रहा। निफ्टी रियल्टी इंडेक्स का रिटर्न 42 फीसदी रहा। हालांकि, हाई इंटरेस्ट रेट का असर घरों की बिक्री पर पड़ा।
Nifty Auto इंडेक्स का रिटर्न 26 फीसदी रहा। इससे पहले लगातार इस इंडेक्स का प्रदर्शन कमजोर रहा था। रॉ मैटेरियल की कीमतों में नरमी और प्रीमियम कारों की बढ़ती मांग का असर ऑटो कंपनियों के रेवेन्यू पर पड़ा। लेकिन, निफ्टी मेटल इंडेक्स का रिटर्न सिर्फ 6 फीसदी रहा। इसकी बड़ी वजह चीन में स्लोडाउन था। चीन दुनिया में मेटल का सबसे बड़ा कंज्यूमर और प्रोड्यूसर है। बैंक निफ्टी का रिटर्न भी 5 फीसदी से कम रहा। एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के स्टॉक्स का प्रदर्शन कमजोर रहा। इसका असर बैंकिंग इंडेक्स के रिटर्न पर पड़ा।