फिनसेक लॉ एडवाइजर्स (Finsec Law Advisors) के फाउंडर संदीप पारेख का कहना है कि मार्केट रेगुलेटर सेबी (Sebi) का काम बाजार से अज्ञानता को हटाना है, न कि लोगों की बेवकूफियों को दूर करना। पारेख ने जेरोधा (Zerodha) के CEO नितिन कामत और सेंसिबुल (Sensibull) के को-फाउंडर आबिद हुसैन से बातचीत में यह टिप्पणी की। यह बातचीत जेरोधा के पॉडकास्ट पर हुई।
पारेख और कामत बिना रजिस्ट्रेशन वाले फाइनेंशियल इंफ्लुएंशर्स के साथ रेगुलेटेड इकाइयों के संबंधों पर शिकंजा कसने को लेकर सेबी की तरफ से पेश किए गए कंसल्टेशन पेपर पर चर्चा कर रहे थे। पारेख ने कहा, 'सेबी इस भूमिका को इस तरह से देखता है कि कोई बाजार के बारे में जानकारी मुहैया करा सकता है, लेकिन किसी की बेवकूफियों को दूर नहीं कर सकता। यह अंतर इसलिए जरूरी है, क्योंकि अगर कोई शख्स अपना पैसा समुद्र में फेंकना चाहता है, तो सेबी उसे नहीं रोक सकता।' उनका कहना था कि अगर लोग गैर-भरोसेमंद स्रोत से निवेश संबंधी सलाह लेते हैं, तो एक सीमा के बाद सेबी इसमें कुछ नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा, 'अगर लोग संदिग्ध लोगों से बेतुकी सलाह ले रहे हैं, जबकि वे जानते हैं कि उन्हें रजिस्टर्ड लोगों के साथ काम करना चाहिए, तो एक सीमा के बाद सेबी इसमें क्या कर सकता है।' पारेख का कहना था कि अगर रिटेल इनवेस्टर्स गैर-रजिस्टर्ड इकाइयों के साथ जुड़ रहे हैं, तो उन्हें इसके नफा-नुकसान की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
उनके मुताबिक, यह कंसल्टेशन पेपर सेबी की इस आलोचना का नतीजा है कि उसने इंफ्लुएशंर्स पर निगरानी नहीं की। उन्होंने कहा, 'सेबी का काम यह सुनिश्चित करना है कि बाजार में गलत प्रॉडक्ट्स बेचने वाले लोग नहीं रहें। हालांकि, सेबी हर इंफ्लुएंसर को खदेड़ नहीं सकता।'
पारेख का यह भी कहना था कि इंफ्लुएंशर्स इस तथ्य का खुलासा नहीं कर रहे हैं कि उन्हें कमीशन मिलता है। उनका दावा है कि वे लोगों को जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं, जबकि वास्तव में लोगों को गलत निवेश के लिए गुमराह करते हैं।