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Savy Infra IPO Listing: 13% प्रीमियम पर सफर शुरू, ₹120 के शेयरों की मार्केट में शानदार एंट्री

Savy Infra IPO Listing: सेवी इंफ्रा एंड लॉजिस्टिक्स एक ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्यूरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन) कंपनी है। इसके आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था। आईपीओ के तहत सिर्फ नए शेयर जारी हुए हैं। चेक करें कंपनी की कारोबारी सेहत कैसी है और आईपीओ के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी कैसे करेगी?

अपडेटेड Jul 28, 2025 पर 4:25 PM
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Savy Infra IPO Listing: सेवी इंफ्रा एंड लॉजिस्टिक्स एक ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्यूरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन) कंपनी है। इसके आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था। आईपीओ के तहत सिर्फ नए शेयर जारी हुए हैं। चेक करें कंपनी की कारोबारी सेहत कैसी है और आईपीओ के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी कैसे करेगी?

Savy Infra IPO Listing: सेवी इंफ्रा लॉजिस्टिक्स के शेयरों की आज घरेलू मार्केट में 13% से अधिक प्रीमियम पर एंट्री हुई। इसके आईपीओ को निवेशकों का धांसू रिस्पांस मिला था और इसे ओवरऑल 114 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत ₹120.00 के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज NSE SME पर इसकी ₹136.50 पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 13.75% का लिस्टिंग गेन (Savy Infra Listing Gain) मिला। लिस्टिंग के बाद शेयर और ऊपर चढ़े। उछलकर यह ₹143.30 (Savy Infra Share Price) के अपर सर्किट पर पहुंच गया और इसी पर बंद भी हुआ यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक अब 19.42% मुनाफे में हैं।

Savy Infra IPO के पैसे कैसे होंगे खर्च

सेवी इंफ्रा का ₹69.98 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 21-23 जुलाई तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 114.50 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 93.02 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 196.44 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 91.62 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत ₹10 की फेस वैल्यू वाले 58.32 लाख नए शेयर जारी हुए हैं। इन शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से ₹49 करोड़ वर्किंग कैपिटल की जरूरतों और बाकी पैसे आम कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च होंगे।


Savy Infra के बारे में

जनवरी 2006 में बनी सेवी इंफ्रा एंड लॉजिस्टिक्स एक ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्यूरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन) कंपनी है। इसका बिजेनस मॉडल लाइट है जो ट्रक और ड्राइवर किराए पर देती है। इसके अलावा यह चट्टान तोड़ने वाली रॉक ब्रेकर्स जैसी एडवांस्ड मशीनरी और खुदाई के लिए भारी-भरकम मशीनें भी किराए पर देती है। यह नए प्रोजेक्ट्स के लिए फाउंडेशन तैयार करने और तोड़-फोड़ का काम करती है। इसका कारोबार गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना,मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और ओडिशा में फैला हुआ है।

कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2023 में इसे ₹34 लाख का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2024 में उछलकर ₹9.87 करोड़ और वित्त वर्ष 2025 में ₹23.88 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू भी लगातार बढ़ा है। वित्त वर्ष 2023 में इसे ₹6.19 करोड़, वित्त वर्ष 2024 में ₹101.62 करोड़ और वित्त वर्ष 2025 में ₹283.77 करोड़ का रेवेन्यू हासिल हुआ। इस दौरान कंपनी पर कर्ज भी लगातार बढ़ा है जोकि वित्त वर्ष 2023 के आखिरी में ₹3.12 करोड़ और वित्त वर्ष 2024 के आखिरी में ₹8.49 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 के आखिरी में ₹44.84 करोड़ पर पहुंच गया।

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डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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