वाराणसी और कानपुर म्युनिसिपल बॉन्ड इश्यू में मर्चेंट बैंकिंग भूमिका की दौड़ में एसबीआई कैपिटल और ट्रस्ट इन्वेस्टमेंट शामिल

24 फरवरी 2023 को एनएसई की इंडेक्स सर्विसेज सब्सिडियरी, एनएसई इंडिसेज लिमिटेड ने बेंगलुरु में हुए म्यूनिसिपल डेट सिक्योरिटीज पर सेबी की वर्कसॉप में भारत का पहला म्यूनिसिपल बॉन्ड इंडेक्स लॉन्च किया था। इस इंडेक्स का नाम निफ्टी इंडिया म्युनिसिपल बॉन्ड इंडेक्स है। इस इंडेक्स में 10 इश्यूअर्स द्वारा जारी 28 म्यूनिसिपल बॉन्ड शामिल हैं

अपडेटेड Apr 26, 2023 पर 9:57 AM
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म्युनिसिपल बॉन्ड और कॉरपोरेट बॉन्ड लगभग एक जैसे होते हैं। इनमें अंतर केवल इतना है कि म्युनिसिपल बॉन्ड को नगर निगम की ओर से अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्टों की फंडिंग के लिए जारी किया जाता है

एसबीआई कैपिटल मार्केट्स और ट्रस्ट इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स सहित कम से कम चार कंपनियों ने वाराणसी नगर निगम और कानपुर नगर निगमों के प्रस्तावित बॉन्ड इश्यू से पहले मर्चेंट बैंकिंग-कम -ट्रांजेक्शन एडवाइजर की भूमिका के लिए अपनी बोलियां दाखिल की हैं। मामले का जानकारी रखने वाले सूत्रों के मुताबित कहा जा रहा है कि इन दो मर्चेंट बैंकरों के अलावा एचडीएफसी बैंक और एके कैपिटल सर्विसेज ने भी अपनी बोली जमा की है। अगले कुछ दिनों में मर्चेंट बैंकर्स के चयन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और उसके बाद इश्यू का स्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा।

कानपुर नगर निगम की 100 करोड़ रुपये जुटाने की योजना

बता दें कि वाराणसी और कानपुर स्थानीय निकायों (local bodies) ने अगले कुछ महीनों में आने वाले अपने प्रस्तावित म्यूनिसिपल बॉन्ड इश्यू के संचालन के लिए मर्चेंट बैंकर्स की नियुक्त करने के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं। वाराणसी नगर निगम के मामले में आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 21 अप्रैल शाम 5 बजे तक थी। वहीं, कानपुर नगर निगम के मामले में बिड जमा करने की समय सीमा 11 अप्रैल दोपहर 3.30 बजे तक निर्धारित की गई थी। कानपुर नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि वे अधिक मर्चेंट बैंकरों से बोली प्राप्त करने के लिए बोली लगाने की अंतिम तिथि को एक सप्ताह तक बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, कानपुर नगर निगम के अधिकारियों ने ये भी कहा कि वे 10 साल में परिपक्व होने वाले इन बॉन्ड्स के जरिए 100 करोड़ रुपये जुटा सकते हैं।


लाइन में हैं कुछ और नगर निगम

गौरततलब है कि 13 अप्रैल को ही मनीकंट्रोल ने बताया कि तीन नगर निगम - वाराणसी नगर निगम, आगरा नगर निगम और ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन - म्यूनिसिपल बॉन्ड की बिक्री के जरिए फंड जुटाने की योजना बना रहे हैं। इससे पहले 5 अप्रैल को जानकारी दी गई थी कि प्रयागराज नगर निगम और कानपुर नगर निगम अपना पहला म्यूनिसिपल बॉन्ड जारी करने की योजना बना रहे हैं।

पिछले 10 साल में म्युनिसिपल बॉन्ड के जरिए 4000 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाए गए

बाजार जानकारों के मुताबिक पिछले 10 साल में नगर निगमों ने म्युनिसिपल बॉन्ड की बिक्री के जरिए 4000 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाए हैं। प्राइम डेटाबेस के आंकड़ो के मुताबिक वड़ोदरा नगर निगम, गाजियाबाद नगर निगम, ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम और इंदौर नगर निगम उन लोकल बॉडीज में शामिल हैं जिन्होंने 2013 से म्युनिसिपल बॉन्ड बेचे हैं।

24 फरवरी को लॉन्च हुआ था भारत का पहला म्यूनिसिपल बॉन्ड इंडेक्स

24 फरवरी 2023 को एनएसई की इंडेक्स सर्विसेज सब्सिडियरी, एनएसई इंडिसेज लिमिटेड ने बेंगलुरु में हुए म्यूनिसिपल डेट सिक्योरिटीज पर सेबी की वर्कसॉप में भारत का पहला म्यूनिसिपल बॉन्ड इंडेक्स लॉन्च किया था। इस इंडेक्स का नाम निफ्टी इंडिया म्युनिसिपल बॉन्ड इंडेक्स है। इस इंडेक्स में 10 इश्यूअर्स द्वारा जारी 28 म्यूनिसिपल बॉन्ड शामिल हैं। इन सभी की क्रेडिट रेटिंग एए श्रेणी की है।

क्या होते हैं म्युनिसिपल बॉन्ड?

बताते चलें कि म्युनिसिपल बॉन्ड और कॉरपोरेट बॉन्ड लगभग एक जैसे होते हैं। इनमें अंतर केवल इतना है कि म्युनिसिपल बॉन्ड को नगर निगम की ओर से अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्टों की फंडिंग के लिए जारी किया जाता है। नगर निगम, व्यक्तियों और संस्थानों से पैसे जुटाने के लिए बॉन्ड जारी करते हैं। बॉन्ड में निवेश करने वाले निवेशकों को एक तय ब्याज और मैच्योरिटी की तारीख पर मूल राशि की वापसी का वादा किया जाता है।

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