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SBI की डिपॉजिट और लोन ग्रोथ को लेकर कोई चिंता नहीं, रेट कट का मार्जिन पर होगा बहुत कम असर -SBI मैनेजमेंट

SBI चेयरमैन ने कहा कि बैक की नेट इंटरेस्ट मार्जिन में आगे सुधार संभव है। रेट कटौती का मार्जिन पर कम असर होगा। बैंक की एसेट क्वालिटी को लेकर चिंता नहीं है। स्लिपेजेज की स्थिति सामान्य लेवल पर है। MSME में नए स्लिपेजेज ज्यादा बढ़े हैं। MSME में आगे रिकवरी की उम्मीद है

अपडेटेड Feb 07, 2025 पर 2:25 PM
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आरबीआई की तरफ से हुई रेपो रेट में कटौती के बाद SBI के MD अश्विनी कुमार तिवारी ने कहा है कि उनकी तरफ से भी ब्याज दरों में जल्दी ही कटौती होगी। SBI की ओर से जल्द दरें घटाई जाएंगी

तीसरी तिमाही में SBI के नतीजे मिलेजुले रहे हैं। तीसरी तिमाही में बैक की ब्याज आय में 4 फीसदी और मुनाफे में 84 फीसदी की बढ़त हुई है। CNBC आवाज़ से खास बातचीत में बैंक के चेयरमैन C S Setty ने कहा है कि बैंक की डिपॉजिट और लोन ग्रोथ को लेकर कोई चिंता नहीं है। अगले तिमाही से NIMs में भी सुधार दिखेगा। SBI चेयरमैन चल्ला श्रीनिवासुलु सेट्टी ( Challa Sreenivasulu Setty) ने इस खास बातचीत में आगे कहा कि तीसरी तिमाही में डिपॉजिट ग्रोथ मजबूत रही।

बैंक का प्रोडक्ट रेंज और कस्टमर तक पहुंच बढ़ाने पर जोर

चल्ला श्रीनिवासुलु सेट्टी ने बताया कि बैंक ने पहली बार 52 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के डिपॉजिट हासिल किए हैं। डिपॉजिट को लेकर कोई चिंता नहीं। सिस्टम में लिक्विडिटी की कोई समस्या नहीं है। डिपॉजिट ग्रोथ आगे 10 फीसदी से ज्यादा रहेगी। बैंक का प्रोडक्ट रेंज और कस्टमर तक पहुंच बढ़ाने पर जोर है। नए ब्रांच विस्तार पर भी बैंक का फोकस है। ब्रांच को लीवरेज करने पर फोकस होगा।


 बैक की नेट इंटरेस्ट मार्जिन में आगे सुधार संभव 

SBI चेयरमैन ने आगे कहा कि बैक की नेट इंटरेस्ट मार्जिन में आगे सुधार संभव है। रेट कटौती का मार्जिन पर कम असर होगा। बैंक की एसेट क्वालिटी को लेकर चिंता नहीं है। स्लिपेजेज (नए एनपीए) की स्थिति सामान्य लेवल पर है। MSME में नए स्लिपेजेज ज्यादा बढ़े हैं। MSME में आगे रिकवरी की उम्मीद है।

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SBI की ओर से जल्द घटाई जाएंगी दरें,  रेपो से जुड़े लोन की EMI होगी कम

इस बीच आज आरबीआई की तरफ से हुई रेपो रेट में कटौती के बाद SBI के MD अश्विनी कुमार तिवारी ने कहा है कि उनकी तरफ से भी ब्याज दरों में जल्दी ही कटौती होगी। SBI की ओर से जल्द दरें घटाई जाएंगी। रेपो से जुड़े लोन की EMI कम होगी। अब कर्ज सस्ता किया जाएगा। RBI ने सिस्टम में नकदी बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं। इससे मिडिल क्लास को राहत मिलेगी। ये इकोनॉमी के लिए बेहतर फैसला है। मिडिल क्लास को अतिरिक्त पैसा मिलने से राहत मिलेगी। खपत बढ़ने से डिमांड क्षमता भी बढ़ेगी। घरेलू खपत बढ़ाने के लिए ये सराहनीय कदम है।

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