स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के लिए यह साल अच्छा रहा है। एक साल में एसबीआई के शेयर का रिटर्न 41.5 फीसदी रहा है। यह इस दौरान स्टॉक मार्केट के रिटर्न से काफी ज्यादा है। इस अवधि में निफ्टी बैंक का रिटर्न 13 फीसदी रहा है, जबकि निफ्टी 50 का रिटर्न 17-18 फीसदी रहा है। 11 दिसंबर को एसबीआई का स्टॉक 0.66 फीसदी गिरकर 861.80 रुपये पर बंद हुआ। एसबीआई इंडिया का सबसे बड़ा बैंक है। यह सरकारी बैंक है, जिसका मुकाबला एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक जैसे दिग्गज बैंकों से है।
1,000 पार कर सकता है स्टॉक
सवाल है कि साल 2025 SBI के स्टॉक के लिए कैसा रहेगा? ज्यादातर एनालिस्ट्स ने एसबीआई के शेयरों का प्रदर्शन 2025 में अच्छा रहने की उम्मीद जताई है। एसबीआई के स्टॉक को कवर करने वाले 50 एनालिस्ट्स में से 27 ने इस स्टॉक के लिए 1,000 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। विदेशी ब्रोकरेज फर्म Jefferies ने एसबीआई के शेयरों को खरीदने की सलाह दी है। उसने इस स्टॉक के लिए 1,030 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। इसका मतलब है कि यह स्टॉक करेंट लेवल से 18 फीसदी चढ़ सकता है।
अच्छी एसेट क्वालिटी का मिलेगा फायदा
जेफरीज का कहना है कि एसबीआई की एसेट क्वालिटी अच्छी है। अर्निंग्स आउटलुक भी अच्छा है। आरबीआई के इंटरेस्ट रेट घटाने का ज्यादा असर एसबीआई बैंक पर नहीं पड़ेगा। इसकी वजह यह है कि इसका लोन मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) से लिंक्ड है। जेफरीज ने FY25 की दूसरी छमाही में एसबीआई की अर्निंग्स ग्रोथ अच्छी रहने का अनुमान जताया है। हालांकि, कुछ एनालिस्ट्स की राय इस बारे में अलग है।
डिपॉजिट ग्रोथ बढ़ाने के उपाय करने होंगे
Bernstein के प्रणव गुंडलापल्ले का मानना है कि एसबीआई के स्टॉक की वैल्यूएशन ठीक है। उनका यह भी कहना है कि इस स्टॉक में आगे तेजी की सीमित गुंजाइश है। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि एसबीआई की डिपॉजिट ग्रोथ दूसरे प्राइवेट बैंकों के मुकाबले कम है। किसी बैंक के अच्छे प्रदर्शन के लिए डिपॉजिट में अच्छी ग्रोथ जरूरी है। इससे बैंक के पास कर्ज देने के लिए ज्यादा पैसा उपलब्ध होता है। हाल में आरबीआई के कैश रिजर्व रेशियो (CRR) घटाने से एसबीआई के पास फंड की उपलब्धता बढ़ेगी।
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डिपॉजिट ग्रोथ में सुस्ती का अनुमान
गुंडलापल्ले का यह भी कहना है कि सीआरआर में कमी से एसबीआई को कुछ समय के लिए राहत मिलेगी। लेकिन, लंबी अवधि में अच्छी ग्रोथ के लिए डिपॉजिट में इजाफा जरूरी है। सितंबर तिमाही के नतीजों के बाद एसबीआई ने डिपॉजिट ग्रोथ का अपना गाइडेंस 12-13 फीसदी से घटाकर 10-11 फीसदी कर दिया। हालांकि, सितंबर के अंत में एसबीआई के पास 50 लाख करोड़ रुपये का डिपॉजिट था। इसका क्रेडिट-टू-डिपॉजिट रेशियो भी 67 फीसदी है।