सेबी प्रमुख तुहिन कांत पांडेय ने दुनियाभर के स्टॉक मार्केट्स में उतारचढ़ाव के बीच बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि इंडियन मार्केट्स पूरी तरह से स्ट्रॉन्ग बने हुए हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में उन्होंने ये बातें कहीं। उन्होंने बतौर सेबी प्रमुख अपनी प्राथमिकताओं के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि उनका फोकस इनवेस्टमेंट प्रोटेक्शन, मार्केट्स के डेवलपमेंट और मार्केट के रेगुलेशन पर है।
चार चीजों पर है सेबी का फोकस
सेबी चीफ ने कहा कि उनकी कोशिश ट्रस्ट, ट्रांसपेरेंसी, टेक्नोलॉजी और टीम वर्क को बढ़ावा देने की है। उन्होंने सेबी और इसके इकोसिस्टम के बीच परस्पर विश्वास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हितों के टकराव से जुड़े मसलों पर फिर से विचार हो रहा है। उन्होंने कहा, "रेगुलेशन रिस्क के हिसाब से होना चाहिए। अगर रिस्क ज्यादा है तो ज्यादा स्क्रूटनी की जरूरत है। अगर किसी चीज की बारीक स्तर पर निगरानी नहीं हो सकती तो हमें उसमें नहीं पड़ना चाहिए।" उन्होंने कहा कि पुराने नियमों की भी समीक्षा होगी और उन्हें आसान बनाने के उपाय होंगे।
निवेशकों को चिंता करने की जरूरत नहीं
उन्होंने कहा इज ऑफ डूइंग बिजनेस के साथ बैलेंस रेगुलेटरी ओवरसाइट जरूरी है। लेकिन, इसका मार्केट की इंट्रिगरिटी पर असर नहीं पड़ना चाहिए। उन्होंने कहा, "मार्केट के डेवलपमेंट के साथ नए प्रोडक्ट्स आ रहे हैं। इंडियन कैपिटल मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। भविष्य में एनर्जी फ्यूचर्स सहित कई संभावनाएं हैं।" मार्केट में उतारचढ़ाव को लेकर उन्होंने निवेशकों की चिंता दूर करने की कोशिश की। उन्होंने कहा, "हमारा पेमेंट और सेटलमेंट सिस्टम बहुत स्ट्रॉन्ग है। किसी तरह के डिफॉल्ट की संभावना नहीं है। कॉन्ट्रैक्ट्स ऑनर हो रहे हैं। लोग बगैर किसी दिक्कत मार्केट में एंटर और एग्जिट कर सकते हैं।"
इंडिया की स्थिति काफी मजबूत
इंडिया की मजबूत स्थिति के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि इकोनॉमी 6.5 फीसदी के रेट से बढ़ने जा रही है। सरकार का बजट ग्रोथ को बढ़ावा देने वाला रहा है। मॉनेटरी पॉलिसी में नरमी देखने को मिली है। आईपीई में उन्होंने कुछ खास इश्यू को लेकर चिंता जताई। लेकिन, कहा कि आईपीओ मार्केट का बड़ा ट्रेंड स्ट्रॉन्ग बना हुआ है। सेबी की तरफ से बदलाव के कई उपाय किए गए हैं।