शेयर बाजार एक बार फिर से अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया है। वहीं शेयर बाजार में तेजी भी देखने को मिल रही है। बाजार में इंवेस्टर्स की ओर से कई माध्यमों में इंवेस्टमेंट किया जाता है। इसमें कॉरपोरेट बॉन्ड भी शामिल है। वहीं अब सेबी की ओर से कॉरपोरेट बॉन्ड को लेकर एक अहम फैसला दिया गया है। इस फैसले से रिटेल इंवेस्टर्स की भागीदारी बढ़ाने की कोशिश की जाएगी।
बाजार नियामक सेबी ने कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार में रिटेल इंवेस्टर्स की भागीदारी बढ़ाने के लिए ऐसी सिक्योरिटीज के फेस वैल्यू में बड़ी कटौती करने का मंगलवार को फैसला किया। फिलहाल कंपनियों की तरफ से जारी होने वाले एक बॉन्ड का फेस वैल्यू एक लाख रुपये होता है लेकिन सेबी ने अब इसे घटाकर 10,000 रुपये करने का फैसला किया है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के निदेशक मंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। इसके अलावा पात्र धारकों की पहचान के लिए रिकॉर्ड तिथि को भी मानकीकृत कर दिया गया है। सेबी ने जारीकर्ताओं को मर्चेंट बैंकर नियुक्त करने की जरूरत के साथ 10,000 रुपये के कम अंकित मूल्य पर निजी आवंटन के जरिये एनसीडी या गैर-परिवर्तनीय प्रतिदेय तरजीही शेयर (एनसीआरपीएस) जारी करने का विकल्प प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
सेबी ने सिर्फ गैर-परिवर्तनीय प्रतिभूतियों (एनसीडी) को लिस्ट कराने वाली कंपनियों के लिए समाचारपत्रों में अपने वित्तीय नतीजों के प्रकाशन से संबंधित निर्देशों को भी लचीला बनाने का फैसला किया है। सेबी बोर्ड ने अपनी बैठक में रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट) और बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट) के संदर्भ में यूनिट-आधारित कर्मचारी लाभ (यूबीईबी) के लिए एक ब्लूप्रिंट तैयार करने का भी फैसला किया है।
सेबी ने कहा कि रीट के प्रबंधक या इनविट के निवेश प्रबंधक इनकी यूनिट के आधार पर अपने कर्मचारियों के लिए यूनिट-आधारित कर्मचारी लाभ योजनाओं की पेशकश कर सकते हैं।