शेयर बाजार रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने निवेश सलाहकारों (Investment Advisors - IAs) और रिसर्च एनालिस्ट्स (Research Analysts - RAs) के लिए नियमों में ढील दी है। शेयर बाजार रेगुलेटर ने इसको लेकर नया सर्कुलर भी जारी कर दिया है। सर्कुलर के मुताबिक- निवेश सलाहकारों और रिसर्च एनालिस्ट्स को सीधे तौर पर राहत दी गई है। अब वे अपने मौजूदा ग्राहकों को ‘सबसे अहम नियम और शर्तों’ की जानकारी ईमेल या किसी अन्य डिजिटल माध्यम से भेज सकते हैं, जिसे रिकॉर्ड के रूप में सुरक्षित रखा जा सकता है।
SEBI ने यह बदलाव निवेश सलाहकारों और रिसर्च एनालिस्ट्स की ईज ऑफ डुइंग बिजनेस संबंधी की चिंताओं को दूर करने के लिए किया है। पहले ग्राहकों से MITC को फिजिकल या डिजिटल सिग्नेचर के जरिए कन्फर्म कराना जरूरी था, जिससे कई समस्याएं हो रही थीं। अब SEBI ने इस नियम में राहत देते हुए ईमेल या अन्य डिजिटल माध्यमों से MITC भेजने की अनुमति दी है।
निवेश सलाहकारों और रिसर्च एनालिस्ट्स के लिए शुल्क पर नया नियम लागू किया है। इसके तहत रिसर्च एनालिस्ट एडवांस फीस सिर्फ 3 महीने तक ले सकते हैं। इनवेस्टमेंट सलाहकार एडवांस फीस 6 महीने तक ले सकते हैं।