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34 से 100 साल के आश्रित बच्चे! SEBI ने पकड़ा अनोखा मामला, अकाउंट खोलने वाले ब्रोकर पर लगाया ₹9 लाख का जुर्माना

शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने एक अनोखा मामला पकड़ा है। SEBI को एक स्टॉक ब्रोकर के 1,100 से अधिक ऐसे क्लाइंट्स मिले हैं, जो "डिपेंडेंट चिल्ड्रन" यानी आश्रित बच्चे थे। लेकिन अजीब बात यह थी कि इन "आश्रित बच्चों" की उम्र 34 से 100 साल के बीच थी

Edited By: Vikrant singhअपडेटेड Jan 09, 2025 पर 12:52 PM
34 से 100 साल के आश्रित बच्चे! SEBI ने पकड़ा अनोखा मामला, अकाउंट खोलने वाले ब्रोकर पर लगाया ₹9 लाख का जुर्माना
SEBI ने यह गड़बड़ी 'स्टॉकहोल्डिंग सर्विसेज लिमिटेड' के क्लाइंट अकाउंट्स में पकड़ी है।

शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने एक अनोखा मामला पकड़ा है। SEBI को एक स्टॉक ब्रोकर के 1,100 से अधिक ऐसे क्लाइंट्स मिले हैं, जो "डिपेंडेंट चिल्ड्रन" यानी आश्रित बच्चे थे। लेकिन अजीब बात यह थी कि इन "आश्रित बच्चों" की उम्र 34 से 100 साल के बीच थी।

क्या है पूरा मामला?

SEBI ने यह गड़बड़ी 'स्टॉकहोल्डिंग सर्विसेज लिमिटेड (Stockholding Services Ltd)' के क्लाइंट अकाउंट्स में पकड़ी है। नियमों के मुताबिक, स्टॉक ब्रोकरों को हर निवेशक के लिए एक अलग यूनिक क्लाइंट कोड (UCC) देना होता है और इनमें से प्रत्येक UCC के लिए अलग-अलग कॉन्टैक्ट डिटेल भी रखना होता है। एक्सचेंज इन्हीं डिटेल्स का इस्तेमाल करके निवेशक को उनके खाते में की गई ट्रांजैक्शन की जानकारी भेजता है, ताकि ताकि किसी व्यक्ति के खाते के जरिए कोई गैर-अधिकृत ट्रेडिंग न की जा सके।

हालांकि, एक ही परिवार के कई UCCs एक ही फोन नंबर या ईमेल आईडी शेयर कर सकते हैं, बशर्ते कि उनके आपसी रिश्ते की जानकारी दी जाए—जैसे खुद, पति या पत्नी, आश्रित बच्चे और आश्रित माता-पिता के रूप में।

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