सेबी ने आईपीओ से जुटाए गए पैसे से लोन चुकाने पर ऐतराज जताया है। मार्केट रेगुलेटर का मानना है कि आईपीओ से जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल प्रमोटर या प्रमोटर से जुड़ी कंपनी के लोन को चुकाने के लिए नहीं होना चाहिए। सेबी ने इस वजह से कई कंपनियों के आईपीओ को मंजूरी नहीं दी है। उसने कंपनियों से कहा है कि उन्हें आईपीओ के पैसे के इस्तेमाल के प्लान में बदलाव करना होगा। सेबी का मानना है कि कंपनियों को प्रमोटर के लोन के पैसे चुकाने के लिए दूसरे स्रोत का इस्तेमाल करना चाहिए। इस मसमले से जुड़े लोगों ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर इस बारे में बताया।
कुछ आईपीओ में हो सकती है देर
मसले से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा कि SEBI के नियमों में आईपीओ से जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल प्रमोटर या प्रमोटर ग्रुप की कंपनियों के लोन को चुकाने के लिए करने की मनाही नहीं है। लेकिन, सेबी इस आधार पर कुछ कंपनियों के आईपीओ को मंजूरी नहीं दे रहा है। इस वजह से कुछ आईपीओ लटके हुए हैं। आईपीओ पेश करने वाली कंपनी को सेबी को यह बताना पड़ता है कि वह इश्यू से जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कहां करेगी।
लोन चुकाने के लिए बैंक से कंपनी ले सकती है लोन
मार्केट रेगुलेटर ने आईपीओ का ड्राफ्ट सौंपने वाली वाली कुछ कंपनियों को कहा है कि वे प्रमोटर या प्रमोटर ग्रुप की कंपनी को लोन चुकाने के लिए बैंकों या वित्तीय संस्थानों से पैसे ले सकती हैं। फिर, आईपीओ से हासिल पैसे का इस्तेमाल वे बैंकों को लोन चुकाने के लिए कर सकती हैं। इस बारे में सेबी की राय जानने के लिए मनीकंट्रोल ने उसे मेल भेजे हैं। लेकिन, अभी जवाब नहीं मिला है। कंपनियां बिजनेस के लिए अपने ग्रुप की कंपनियों से कर्ज लेती रही हैं।
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मसले के समाधान के लिए इस हफ्ते मीटिंग की उम्मीद
मर्चेंट बैंकरों ने सेबी से इस मसले पर अपने रुख में बदलाव करने का अनुरोध किया है। इस बारे में इस हफ्ते एक मीटिंग हो सकती है। इसमें इस मसले का समाधान निकालने पर बातचीत होगी। इस मसले से जुड़े एक सूत्र ने यह जानकारी दी। मनीकंट्रोल ने पहले खबर दी थी कि Shapoorji Pallonji की कंस्ट्रक्शन कंपनी Afcons Infrastructure ने आईपीओ से जुटाई गए पैसे का इस्तेमाल लोन चुकाने के लिए इस्तेमाल करने के अपने प्लान को बदल दिया था। कंपनी को यह बदलाव तब करना पड़ा, जब सेबी और स्टॉक एक्सचेंजों ने आईपीओ का ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस मिलने के बाद कंपनी को इस बारे में निर्देश दिया।