Yes Bank का रिटर्न ऑन एसेट 10 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ जाएगा, एमडी और सीईओ प्रशांत कुमार ने बताई वजह

Yes Bank के एमडी एवं सीईओ प्रशांत कुमार ने कहा कि FY24 में बैंक को RIDF में कोई पैसा नहीं डालना पड़ा है। इसकी वजह यह है कि यस बैंक ने प्रायरिटी सेक्टर को लोन का टारगेट पूरा किया है। इससे बैंक का रिटर्न ऑन एसेट FY25 में 10 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ेगा

अपडेटेड Sep 30, 2024 पर 2:24 PM
Story continues below Advertisement
Yes Bank एसेट्स के लिहाज से प्राइवेट बैंकों में छठे पायदान पर है। इसका नेट एडवान्स 2.29 लाख करोड़ रुपये है। लेकिन, इसका नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) टॉप 10 प्राइवेट बैंकों में सबसे कम है।
     
     
    live
    Volume
    Todays L/H
    Details

    इस फाइनेंशियल ईयर में यस बैंक का रिटर्न ऑन एसेट्स (आरओए) 10 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ेगा। बैंक के एमडी और सीईओ प्रशांत कुमार ने यह भरोसा जताया है। पिछले साढ़े चार साल में यस बैंक के प्रदर्शन में काफी सुधार आया है। यस बैंक 2020 में डूबने के करीब पहुंच गया था। आरबीआई के हस्तक्षेप के बाद एसबीआई की मदद से बैंक डूबने से बच गया। इस बीच, यह फिर से ग्राहकों का भरोसा हासिल करने में सफल रहा है।

    यस बैंक प्रायरिटी सेक्टर को लोन का टारगेट पूरा नहीं कर पाया था

    Yes Bank प्रायरिटी सेक्टर को लोन का टारगेट पूरा नहीं कर पाया था। इस कमी को पूरा करने के लिए उसने RIDF में निवेश किया। RIDF में निवेश पर मिलने वाला रिटर्न काफी कम है। इसका असर बैंक के मुनाफा कमाने की क्षमता पर पड़ता है। जिस तरह से लोन का पैसा बैंकों को निश्चित अवधि के बाद वापस मिल जाता है, उसी तरह RIDF की भी मैच्योरिटी होती है। उसके बाद बैंक को उसका पैसा वापस कर दिया जाता है।


    FY25 में RIDF में यस बैंक को निवेश नहीं करना पड़ेगा

    Yes Bank एसेट्स के लिहाज से प्राइवेट बैंकों में छठे पायदान पर है। इसका नेट एडवान्स 2.29 लाख करोड़ रुपये है। लेकिन, इसका नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) टॉप 10 प्राइवेट बैंकों में सबसे कम है। इसकी एक बड़ी वजह प्रायरिटी सेक्टर लेंडिंग (PSL) है। प्रशांत कुमार ने कहा कि यस बैंक के एसेट्स का 11 फीसदी रूरल इंफ्रास्ट्राक्चर डेवलपमेंट फंड (RIDF) में है। प्राइवेट सेक्टर लेंडिंग यस बैंक के लिए कमजोर कड़ी रही है। आरबीआई के नियम के मुताबिक, बैंकों को अपने कुल लोन का 40 फीसदी प्रायरिटी सेक्टर में देना जरूरी है। एग्रीकल्चर, स्मॉल बिजनेसेज, एजुकेशन और कम प्राइस वाले घर प्रायरिटी सेक्टर के तहत आते हैं।

    इस वजह से RoA 10 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ सकता है

    कुमार ने कहा कि जब RIDF में यस बैंक का 44,000 करोड़ रुपये का निवेश था तब RoA पर पड़ने वाला असर करीब 35 बेसिस प्वाइंट्स था। अगर यह (RIDF में निवेश) 25 फीसदी घटने जा रहा है तो इसका मतलब है कि RoA 10 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ सकता है। जून तिमाही में यस बैंक का RoA 0.5 फीसदी था और इसका नेट इंटरेस्ट मार्जिन 2.4 फीसदी था। पिछले सालों में प्रायरिटी सेक्टर को लोन का टारगेट पूरा नहीं कर पाने की वजह से यस बैंक को आरआईडीएफ में ज्यादा निवेश करना पड़ा।

    यह भी पढ़ें: F&O ट्रेडिंग के नए नियमों के प्रस्ताव पर विदेशी निवेशक चिंतित, जानिए उनकी चिंता की वजह क्या है 

    पिछले साल RIDF में 18,000 करोड़ निवेश

    Yes Bank के एमडी और सीईओ ने कहा, "FY24 पहला साल था, जब यस बैंक ने प्रायरिटी सेक्टर को कर्ज का टारगेट पूरा किया। इसका मतलब है कि इस फाइनेंशियल ईयर में हमें आरआईडीएफ में कोई इनवेस्टमेंट नहीं करना पड़ेगा। पिछले साल यस बैंक ने RIDF में करीब 18,000 करोड़ रुपये निवेश किया था। आज हम ऐसी स्थिति में पहुंच गए हैं जब प्रायरिटी सेक्टर को लोन के टारगेट को हम पूरा कर रहे हैं। इसलिए इस फाइनेंशियल ईयर और आगे हमें आरआईडीएफ में कोई पैसा नहीं डालना होगा।"

    MoneyControl News

    MoneyControl News

    First Published: Sep 30, 2024 2:18 PM

    हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।