Hindenburg Report: अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट पर अदाणी ग्रुप, माधबी पुरी बुच और IIFL के बाद अब मार्केट रेगुलेटर SEBI ने भी सफाई दी है। सेबी ने अपनी पहली टिप्पणी में रविवार को कहा कि उसने अदाणी ग्रुप के खिलाफ सभी आरोपों की विधिवत जांच की है। सेबी ने बयान में यह भी कहा कि उसकी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने समय-समय पर संबंधित जानकारी दी और संभावित हितों के टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग रखा। बता दें कि हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में दावा किया है कि सेबी चीफ ने अदाणी ग्रुप के खिलाफ इसलिए कार्रवाई नहीं की क्योंकि उनके पास ग्रुप से जुड़े विदेशी फंड में हिस्सेदारी है।
SBEI ने अपने बयान में क्या कहा?
मार्केट रेगुलेटर ने कहा कि उसने अदाणी के खिलाफ हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों की विधिवत जांच की है। उसकी 26 जांचों में से अंतिम जांच अब पूरी होने वाली है। इससे पहले, बुच और उनके पति धवल ने आरोपों को बेबुनियाद बताया था। दंपति ने कहा कि हिंडनबर्ग मार्केट रेगुलेटर सेबी की विश्वसनीयता पर हमला कर रही है और चेयरपर्सन के चरित्र हनन का भी प्रयास कर रही है।
सेबी के बयान में आगे कहा गया है, "निवेशकों को शांत रहना चाहिए और ऐसी रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया देने से पहले उचित सावधानी बरतनी चाहिए। निवेशक रिपोर्ट में दिए गए डिस्क्लेमर पर भी ध्यान देना चाहेंगे, जिसमें कहा गया है कि पाठकों को यह मान लेना चाहिए कि हिंडनबर्ग रिसर्च के पास रिपोर्ट में शामिल सिक्योरिटीज में शॉर्ट पोजीशन हो सकती है।"
सेबी ने रिपोर्ट पर अपने बयान में आगे कहा, "रिपोर्ट में अन्य बातों के साथ-साथ यह दावा किया गया है कि सेबी ने अदाणी ग्रुप के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। इसमें 27 जून 2024 को हिंडनबर्ग रिसर्च को कारण बताओ नोटिस जारी करने की सेबी की कार्रवाई पर सवाल उठाया गया है। इसमें आगे दावा किया गया है कि सेबी ने एक डायवर्सिफाइड मल्टीनेशनल फाइनेंशियल ग्रुप को लाभ पहुंचाने के लिए सेबी (REIT) रेगुलेशन 2014 में बदलाव किए हैं। इन मुद्दों पर उचित प्रतिक्रिया की जरूरत है। हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अदाणी ग्रुप के खिलाफ लगाए गए आरोपों की सेबी द्वारा विधिवत जांच की गई है।"
Hindenburg ने लगाए हैं ये आरोप
हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच भी अदाणी ग्रुप के साथ मिली हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अदाणी ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई करने में सेबी ने इसलिए दिलचस्पी नहीं दिखाई क्योंकि बुच की अदाणी ग्रुप से जुड़े विदेशी फंडों में हिस्सेदारी थी। हालांकि, रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों का बुच और उनके पति धवल बुच ने खंडन किया है। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च सेबी की विश्वसनीयता पर हमला करने और चेयरपर्सन का चरित्र हनन करने की कोशिश कर रही है।