SEBI : डेरिवेटिव सेगमेंट में रिटेल पार्टिसिपेशन पर अंकुश लगाने का कोई इरादा नहीं, जानिए सेबी ने क्या कहा

SEBI ने अपने सर्कुलर में कहा है कि वह केवल रिस्क-बेस्ड एप्रोच अपनाकर क्लाइंट्स को शामिल करने की स्टॉक ब्रोकरों की प्रक्रिया को सरल बनाने पर विचार कर रहा है। मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए इसने कहा कि डेरिवेटिव मार्केट्स में रिटेल पार्टिसिपेशन पर अंकुश लगाने का कोई इरादा नहीं है

अपडेटेड Jul 29, 2023 पर 2:26 PM
Story continues below Advertisement
SEBI ने डेरिवेटिव सेगमेंट में रिटेल पार्टिसिपेशन पर अंकुश लगाने की योजना से जुड़ी रिपोर्टों को खारिज किया है।

मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने डेरिवेटिव सेगमेंट में रिटेल पार्टिसिपेशन पर अंकुश लगाने की योजना से जुड़ी रिपोर्टों को खारिज किया है। सेबी ने 29 जुलाई को जारी एक सर्कुलर में कहा है कि रेगुलेटर केवल ग्राहकों को अपने साथ जोड़ने की स्टॉक ब्रोकरों की प्रक्रिया को सरल बनाने पर विचार कर रहा है। कई रिपोर्ट्स में यह कहा गया कि मार्केट रेगुलेटर निवेशकों की कुल संपत्ति के आधार पर डेरिवेटिव ट्रेडिंग पर अंकुश लगा सकता है। हालांकि, अब सेबी ने स्पष्ट किया है कि वह डेरिवेटिव सेगमेंट में रिटेल पार्टिसिपेशन को कम करने पर विचार नहीं कर रहा है।

SEBI ने और क्या कहा?

सेबी ने अपने सर्कुलर में कहा है कि वह केवल रिस्क-बेस्ड एप्रोच अपनाकर क्लाइंट्स को शामिल करने की स्टॉक ब्रोकरों की प्रक्रिया को सरल बनाने पर विचार कर रहा है। मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए इसने कहा कि "डेरिवेटिव मार्केट्स में रिटेल पार्टिसिपेशन पर अंकुश लगाने का कोई इरादा नहीं है।"


2009 में जारी सर्कुलर में दिए गए थे ये निर्देश

सेबी ने दिसंबर 2009 में एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें स्टॉक ब्रोकरों को निर्देश दिया गया था कि वे ऑन-बोर्डिंग प्रोसेस, डॉक्यूमेंटेशन के मामले में अपने ग्राहकों के साथ कैसा व्यवहार करें। सेबी ने कहा, “स्टॉक ब्रोकर के पास डेरिवेटिव सेगमेंट में डील करने का विकल्प चुनने वाले ग्राहकों द्वारा प्रदान किए गए फाइनेंशियल डिटेल के दस्तावेजी सबूत होंगे। अन्य क्लाइंट्स के मामले में स्टॉक ब्रोकर को अपने रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम के अनुसार दस्तावेज हासिल करने होंगे।"अनुपालन को आसान बनाने के लिए इस जरूरत पर फिर से विचार किया जा रहा है।

29 जुलाई के सर्कुलर में सेबी ने कहा, "बिजनेस को आसान बनाने के लिए सेबी यह मूल्यांकन कर रहा है कि क्या उपरोक्त सर्कुलर को ग्राहकों के रिस्क असेसमेंट के आधार पर लागू किया जा सकता है। इससे ब्रोकरों और निवेशकों के लिए कंप्लायंस में आसानी को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, सेबी का फोकस हमेशा ट्रेडिंग पर कोई अंकुश लगाने के बजाय बिजनेस को आसान बनाने और कंप्लायंस सुनिश्चित करते हुए पर्याप्त रिस्क मैनेजमेंट पर रहा है।"

Shubham Singh Thakur

Shubham Singh Thakur

First Published: Jul 29, 2023 2:26 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।