लोन के सिक्योराइटाइजेशन से बैंकों और एनबीएफसी को लोन बांटने के लिए अतिरिक्त पैसा हाथ में आ जाता है। लेकिन, कर्ज की सुस्त मांग और उभरते दवाब से बैंक लोन देने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। इस वजह से लोन के सिक्योराइटाइजेशन में भी कमी देखने को मिली है। क्रिसिल की रिपोर्ट बताती है कि सिक्योराइटाइजेशन वॉल्यूम में गिरावट आई है।