घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और निफ्टी 50 (Nifty 50) रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गए। पहली बार सेंसेक्स 82600 और निफ्टी 25250 के पार पहुंच गया। हालांकि मार्केट की इस रिकॉर्ड तेजी के बावजूद इस महीने बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों की पूंजी यानी मार्केट कैप में फरवरी 2023 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट आई। इसे मिड और स्मॉलकैप स्टॉक्स में भारी उतार-चढ़ाव और लॉर्ज कैप स्टॉक्स की सुस्त चाल से झटका लगा है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट डॉलर के टर्म में 5 लाख करोड़ डॉलर रहा जो जुलाई में 5.18 लाख करोड़ डॉलर के मार्केट कैप से 3.43 फीसदी कम है। यह गिरावट फरवरी 2023 के बाद से सबसे कम है।
स्मॉलकैप और मिडकैप में सुस्ती
इस महीने बीएसई मिडकैप में महज 0.4 फीसदी और बीएसई स्मॉलकैप में 0.5 फीसदी की तेजी आई। एक्सिस सिक्योरिटीज के नीरज चदावर (Neeraj Chadawar) का कहना है कि लॉर्ज कैप की तुलना में इन सेगमेंट्स में वैल्यूएशन को लेकर सेफ्टी थोड़ी कम रहती है। ऐसे में नीरज का मानना है कि इनमें थोड़ी करेक्शन और दिख सकती है और लॉर्ज कैप में कैपिटल फ्लो बढ़ सकता है। इससे निफ्टी 50 और ऊंचाईयों पर पहुंच सकता है। अगस्त में सेंसेक्स और निफ्टी महज आधे फीसदी मजबूत हुए हैं।
सिर्फ भारत और चीन के मार्केट कैप में आई गिरावट
भारतीय कंपनियों के मार्केट कैप में इस महीने फरवरी 2023 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट आई। अब दुनिया के 10 सबसे बड़े देशों में बात करें तो सिर्फ चीन और भारत के ही मार्केट कैप में गिरावट आई। चीन का मार्केट कैप 3.94 फीसदी गिरकर 8.17 ट्रिलियन यानी 8.17 लाख करोड़ डॉलर और भारत का मार्केट कैप 3.43 फीसदी घटकर 5 लाख करोड़ डॉलर रह गया है। वहीं अमेरिकी मार्केट कैप 2.23 फीसदी बढ़कर 58.24 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। यह टॉप के 10 देशों के मार्केट कैप और जुलाई की तुलना में अगस्त में कितनी गिरावट या बढ़ोतरी, इसकी डिटेल्स दी जा रही है।
Right Horizons PMS के अनिल रेगो का मानना है कि फेडरल रिजर्व दरों में कटौती का फैसला करता है तो विकासशील देशों के मार्केट को सपोर्ट मिलेगा। भारत की बात करें तो इसे मजबूत इकनॉमिक फंडामेंटल्स और गवर्नमेंट सपोर्ट का फायदा मिलेगा। इसी प्रकार राइट रिसर्च की सोनम श्रीवास्तव का कहना है कि निवेशकों का फोकस अब लॉन्ग टर्म पर है और वे ब्याज दरों में कटौती और कॉरपोरेट अर्निंग्स में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं। सोनम के मुताबिक सेक्टर परफॉरमेंस, वैश्विक तनाव और सप्लाई चेन से जुड़े मुद्दे मार्केट सेंटिमेंट को प्रभावित कर रहे हैं।
एनालिस्ट्स का मानना है कि लॉन्ग टर्म आउटलुक तो बेहतर है और नियर टर्म में बात करें तो डिफेंसिव स्टॉक्स की तरफ निवेशकों का रुझान बढ़ सकता है। लॉर्ज कैप प्राइवेट बैंक, टेलीकॉम, कंज्मप्शन, आईटी और फार्मा निवेश के लिए सुरक्षित दांव हैं। एनालिस्ट्स ने निवेशकों को गिरावट का फायदा उठाने के लिए 10 फीसदी पैसा कैश में रखने की सलाह दी है और ऐसी कंपनियों में पैसे लगाने की सलाह दी है जिनकी एक से डेढ़ साल में कमाई की ग्रोथ अच्छी दिख रही है। एक्सिस सिक्योरिटीज का अनुमान है कि बुलिश रुझान में मार्च 2025 तक निफ्टी 27 हजार के लेवल पर पहुंच सकता है।
डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को मनीकंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।