भारत के यूनियन बजट 2023, अडानी मामले की वजह से बाजार में अशांति, भारतीय कंपनियों से मिश्रित तिमाही नतीजों जैसे घरेलू इवेंट्स की वजह से इस हफ्ते बाजार में वोलैटिलिटी रही। वहीं फेडरल रिजर्व (Federal Reserve), यूरोपीय सेंट्रल बैंक (European Central Bank (ECB), बैंक ऑफ इंग्लैंड (Bank of England (BoE) द्वारा अनुमान के मुताबिक ब्याज दर में वृद्धि सहित ग्लोबल इंवेट्स और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली के बीच 3 फरवरी को समाप्त पिछले कारोबार हफ्ते में अत्यधिक उतार-चढ़ाव नजर आया। लेकिन इसके बावजूद भारतीय शेयर बाजार ने पिछले हफ्ते के नुकसान को खत्म कर दिया। बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 18100 से ऊपर पॉजिटिव नोट पर बंद हुआ। सेंसेक्स करीब 319.90 अंक या 0.53% बढ़कर 60,941.67 पर बंद हुआ। निफ्टी 90.80 अंक या 0.50% बढ़कर 18,118.50 पर बंद हुआ।
हफ्ते के लिए बीएसई सेंसेक्स 1,510.98 अंक या 2.54 प्रतिशत बढ़कर 60,841.88 पर बंद हुआ। निफ्टी 249.65 अंक या 1.41 प्रतिशत बढ़कर 17,854 के स्तर पर बंद हुआ।
बीएसई सेंसेक्स में आईटीसी में मार्केट कैप के मामले में सबसे ज्यादा वृद्धि देखने को मिली। इसके बाद इंफोसिस, आईसीआईसीआई बैंक और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज का स्थान रहा। दूसरी ओर रिलायंस इंडस्ट्रीज, सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज और पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने पिछले हफ्ते में अपना अधिकांश मार्केटकैप गंवा दिया। (डिस्क्लोजर: Moneycontrol.com नेटवर्क 18 का हिस्सा है। नेटवर्क 18 मीडिया एंड इनवेस्टमेंट लिमिटेड पर इंडिपेंडेंट मीडिया ट्रस्ट का मालिकाना हक है। इसकी बेनफिशियरी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज है।)
सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो निफ्टी एफएमसीजी इंडेक्स में 3.5 प्रतिशत, निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स इंडेक्स में 3.3 प्रतिशत, निफ्टी बैंक इंडेक्स में 2.86 प्रतिशत और निफ्टी इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इंडेक्स में 2.79 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। दूसरी ओर निफ्टी ऑयल एंड गैस इंडेक्स 9 प्रतिशत, निफ्टी मेटल इंडेक्स 7.6 प्रतिशत और निफ्टी एनर्जी इंडेक्स 6.3 प्रतिशत फिसल गया।
पिछले हफ्ते बीएसई स्मॉल-कैप इंडेक्स 0.86 प्रतिशत चढ़ा। मानकसिया, अपार इंडस्ट्रीज, डेटा पैटर्न्स (इंडिया), रत्नमणि मेटल्स एंड ट्यूब्स, ऑटोमोटिव एक्सल्स, ऑप्टिमस इंफ्राकॉम, जीएनए एक्सल्स और स्टर्लिंग टूल्स की अगुवाई में इसमें बढ़ोत्तरी रही। हालांकि हेरानबा इंडस्ट्रीज, मोनार्क नेटवर्थ कैपिटल, पीसी ज्वेलर, स्वान एनर्जी, टीसीआई एक्सप्रेस, हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी, मंगलम इंडस्ट्रियल फाइनेंस, अरिहंत कैपिटल मार्केट्स, विमता लैब्स और रुशिल डेकोर में 15-30 प्रतिशत की गिरावट आई।
बीएसई मिड-कैप इंडेक्स 0.45 प्रतिशत बढ़ा। राजेश एक्सपोर्ट्स, इंडियन होटल्स कंपनी, डालमिया भारत, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी, वोल्टास, क्लीन साइंस एंड टेक्नोलॉजी, बालकृष्ण इंडस्ट्रीज, महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज और वोडाफोन आइडिया की अगुवाई में इसमें तेजी रही। हालांकि अडानी पावर, मैक्स फाइनेंशियल सर्विसेज, जुबिलेंट फूडवर्क्स और ग्लैंड फार्मा 10-22 प्रतिशत तक लुढ़क गये।
बीएसई लार्ज-कैप इंडेक्स में 0.42 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। एफएसएन ई-कॉमर्स वेंचर्स (नायका), श्री सीमेंट्स, आईटीसी, एसबीआई कार्ड्स एंड पेमेंट सर्विसेज, अल्ट्राटेक सीमेंट, आईसीआईसीआई बैंक, टाइटन कंपनी, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज, इंफोसिस और महिंद्रा एंड महिंद्रा के 5-12 प्रतिशत की वजह से इसमें तेजी रही। दूसरी ओर अडानी टोटल गैस, अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी विल्मर, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी, डिविस लेबोरेटरीज और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में 10-45 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (Foreign institutional investors (FIIs) ने पिछले हफ्ते में 14,445.02 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची। जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (domestic institutional investors (DIIs) ने 14,184.51 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी।
पिछले सप्ताह में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले इस हफ्ते भारतीय रुपये में गिरावट आई। रुपया 27 जनवरी को बंद 81.52 के मुकाबले 3 फरवरी को 31 पैसे गिरकर 81.83 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।