स्टॉक मार्केट में एंट्री के दिन ही 53% से भी ज्यादा उछल गया इस कंपनी का शेयर

क्वाड्रेंट फ्यूचर टेक के शेयरों ने 14 जनवरी को डबल डिजिट रिटर्न दिया और इसमें अपर सर्किट लग गया। शेयर बाजार में माहौल सुस्त होने के बावजूद निवेशकों ने इस कंपनी के शेयरों में काफी दिलचस्पी दिखाई। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में कंपनी का शेयर इश्यू प्राइस (290 रुपये) से 27.6 पर्सेंट की बढ़त के साथ 370 रुपये पर खुला और कारोबार के दौरान 444 रुपये तक पहुंच गया। 14 जनवरी को शेयर बाजार में सुबह से शाम तक कंपनी के शेयरों में 53.10 पर्सेंट की बढ़त रही

अपडेटेड Jan 14, 2025 पर 8:59 PM
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क्लोजिंग प्राइस के लिहाज से क्वाड्रेंट फ्यूचर टेक की वैल्यू 1,795 करोड़ रुपये है।

Quadrant Future Tek shares: क्वाड्रेंट फ्यूचर टेक के शेयरों ने 14 जनवरी को डबल डिजिट रिटर्न दिया और इसमें अपर सर्किट लग गया। शेयर बाजार में माहौल सुस्त होने के बावजूद निवेशकों ने इस कंपनी के शेयरों में काफी दिलचस्पी दिखाई। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में कंपनी का शेयर इश्यू प्राइस (290 रुपये) से 27.6 पर्सेंट की बढ़त के साथ 370 रुपये पर खुला और कारोबार के दौरान 444 रुपये तक पहुंच गया। 14 जनवरी को शेयर बाजार में सुबह से शाम तक कंपनी के शेयरों में 53.10 पर्सेंट की बढ़त रही और इसका वॉल्यूम 1.46 करोड़ शेयर रहा।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में 14 जनवरी को कंपनी का स्टॉक 54.74 पर्सेंट ऊपर 448.75 रुपये पर बंद हुआ और वॉल्यूम 15.38 लाख शेयर रहा। कंपनी के शेयरों में 374 रुपये के ओपनिंग प्राइस से 20 पर्सेंट की तेजी रही। एक्सचेंजों ने इस स्टॉक के लिए अपर और लोअर सर्किट की सीमा 20 पर्सेंट तय की है, क्योंकि इस इश्यू की वैल्यू 250 करोड़ रुपये से ज्यादा है।

क्लोजिंग प्राइस के लिहाज से क्वाड्रेंट फ्यूचर टेक की वैल्यू 1,795 करोड़ रुपये है। कंपनी भारतीय रेलवे के कवज प्रोजेक्ट के तहत नेक्स्ट जेनरेशनल ट्रेन कंट्रोल और सिग्नलिंग सिस्टम डिवेलप करती है। कंपनी ने IPO के जरिये 290 करोड़ रुपये जुटाए हैं और यह पूरी तरह से फ्रेश इश्यू था। इस इश्यू के लिए प्राइस बैंड 275-290 रुपये प्रति शेयर था।


कंपनी का इश्यू 7-9 जनवरी 2025 तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था और इसे 186.66 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। कंपनी के पास स्पेश्यलिटी केबल मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी भी है और IPO के जरिये इसका इरादा लॉन्ग टर्म कैपिटल जरूरतों को पूरा करना, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम का डिवेलपमेंट, कर्ज का भुगतान करना और कंपनी की सामान्य जरूरतों को पूरा करना है।

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