Sharp Chucks IPO Listing: मशीनों में इस्तेमाल होने वाले अहम पार्ट्स बनाने वाली शार्प चक्स एंड मशीन्स (Sharp Chucks And Machines) के शेयरों की आज NSE के SME प्लेटफॉर्म पर शानदार एंट्री हुई। इस आईपीओ में खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित हिस्सा पहले ही दिन पूरा भर गया था और चार दिन में तो उनका हिस्सा 63 गुना से अधिक भरा था। आईपीओ के तहत 58 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज NSE SME पर इसकी 66 रुपये के भाव पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 13.79 फीसदी का लिस्टिंग गेन (Sharp Chucks Listing Gain) मिला। हालांकि लिस्टिंग के बाद शेयर फिसल गए। यह 64.50 रुपये (Sharp Chucks Share Price) पर बंद हुआ है यानी कि पहले दिन आईपीओ निवेशक अब 11 फीसदी मुनाफे में हैं।
Sharp Chucks IPO में खुदरा निवेशकों ने लगाए थे जमकर पैसे
शार्प चक्स एंड मशीन्स का 16.84 करोड़ रुपये का आईपीओ 29 सितंबर-5 अक्टूबर तक खुला रहेगा। इस आईपीओ को खुदरा निवेशकों का शानदार रिस्पांस मिला था और उनके लिए आरक्षित आधा हिस्सा पहले ही दिन पूरा भर गया था और चार दिनों में 63.69 गुना भर गया था। ओवरऑल यह 54.20 गुना सब्सक्राइब हुआ। आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 9,75,484 नए शेयर जारी हुए हैं। इसके अलावा 19,28,516 शेयरों की ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत बिक्री हुए हैं। ओएफएस के तहत जो शेयर बिके हैं, उसका पैसा बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिलेगा। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
1994 में बनी शॉर्प चक्स एंड मशीन्स गियर, डॉग क्लच, स्कफफोल्डिंग, सी क्लैम्प स्पैनर, रेंच एक्स, मशीनिस्ट हैमर, फायरमैन एक्स, ड्रिलिंग हैमर और कैंप एक्स जैसे फॉर्जिंग प्रोडक्ट्स तैयार करती है। इसके अलावा यह ब्रेक हाउसिंग, पिस्टन ट्रंपेट हाउसिंग, रैम सिलिंजर, ब्रेक ड्रम, फ्रंट एक्सेल हाउसिंग, फ्लाई व्हील, गियर केसिंग, सिलिंड ब्लॉक, प्लेट इनपुट रिटेनर और टेंपर हेड जैसे कास्टिंग प्रोडक्ट्स तैयार करती है। यह पावर चक्स, लैथे चक्स, ड्रिल चक्स और मशीन टूल्स एक्सेसरीज जैसे मशीन कंपोनेंट्स भी बनाती है।
इसके जालंधर में दो मैनुफैक्चरिंग प्लांट हैं। कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो इसकी सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2021 में इसे 3.31 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2022 में बढ़कर 4.53 करोड़ रुपये और फिर वित्त वर्ष 2023 में बढ़कर 5.07 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।