एक पुरानी कहावत है-किसी एक के नुकसान में दूसरे को फायदा। चीन की सुस्त ग्रोथ का फायदा इंडिया को मिलता दिख रहा है। हालांकि, इंडियन मार्केट्स की हाई वैल्यूएशन की अनदेखी नहीं की जा सकती, लेकिन मजबूत फंडामेंटल्स की वजह से बाजार में तेजी जारी है। उधर, चीन की इकोनॉमी से जुड़े डेटा निराश करने वाले हैं। इससे ग्लोबल ब्रोकरेज फर्में चीन को डाउनग्रेड कर रही हैं। ऐसे में फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स निवेश के लिए डेस्टिनेशन तलाश रहे हैं।
अमेरिका में फेडरल रिजर्व के 18 सितंबर को इंटरेस्ट रेट घटा देने के बाद विदेशी निवेशकों (Foreign Investors) के लिए उभरते बाजारों में इंडिया निवेश का सही डेस्टिनेशन हो सकता है। आम तौर पर फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) इंटरेस्ट रेट्स में कमी के दौरान उभरते बाजारों में निवेश बढ़ाते हैं, क्योंकि अमेरिकी बॉन्ड्स और दूसरे एसेट्स में यील्ड घट जाती है। मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि MSCI Emerging Markets Index में इंडिया के चीन से आगे निकल जाने के बावजूद निवेश के डेस्टिनेशन के रूप में इंडिया का अट्रैक्शन बढ़ेगा। इस इंडेक्स में 2021 में चीन की हिस्सेदारी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई थी। तब से यह घटकर करीब आधी 2.24 फीसदी रह गई है, जबकि इंडिया का वेटेज 2.35 फीसदी हो गया है। इससे इंडिया दुनिया में छठा सबसे बड़ा मार्केट बन गया है।
फेडरल रिजर्व के इंटरेस्ट रेट घटाने और MSCI Index में वेटेज बढ़ने के बाद इंडिया में विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ सकती है। इंडियन मार्केट पहले से ही डोमेस्टिक लिक्विडिटी की वजह से लगातार चढ़ रहे हैं। फिलहाल, इंडियन मार्केट्स को लेकर किसी तरह का रिस्क नहीं दिख रहा। सवाल है कि क्या इंडिया 'नेक्स्ट चाइना' बनने जा रहा है?
अशोक लेलैंड का शेयर 18 सितंबर को 1.97 फीसदी गिरकर 235 रुपये पर बंद हुआ। Ashok Leyland के मैनेजमेंट ने FY25 में मीडियम एंड हेवी कमर्शियल व्हीकल्स इंडस्ट्री का वॉल्यूम फ्लैट रहने का अनुमान जताया है। बुल्स का कहना है कि कमोडिटी की कीमतों में नरमी और नॉन-ऑटो बिजनेस की अच्छी ग्रोथ का फायदा कंपनी को मिल सकता है। कंपनी खर्च घटाने के उपायों पर फोकस कर रही है, जिससे इसके मुनाफा कमाने की क्षमता बढ़ सकती है। इलेक्ट्रिक बसों का इस्तेमाल बढ़ने से स्विच मोबिलिटी को फायदा होना तय है। कंपनी ने FY25 में अपने डीलर की संख्या बढ़ाकर 750 करने का प्लान बनाया है। कंपनी ने लाइट कमर्शियल व्हीकल्स (LCV) का मार्केट कवरेज बढ़ाकर 70-80 फीसदी करने का प्लान बनाया है। उधर, बेयर्स का कहना है कि कमोजर डिमांड की वजह से इस फाइनेंशियल ईयर की दूसरी तिमाही में M&HCV ट्रक वॉल्यूम में डबल डिजिट गिरावट आ सकती है। LCV की ग्रोथ सिंगल डिजिट में रहने का अनुमान है। इसका असर कंपनी के रेवेन्यू पर पड़ सकता है।
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एमक्योर फार्मास्युटिकल्स का स्टॉक 18 सितंबर को 2.24 फीसदी के उछाल के साथ 1,527 रुपये पर क्लोज हुआ। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने Emcure Pharma के शेयरों में निवेश बढ़ाने की सलाह दी है। उसने शेयर का टारगेट प्राइस 1,655 रुपये दिया है। बुल्स का कहना है कि कंपनी की ऑर्गेनिक ग्रोथ अच्छी है। कोटक इंस्टीट्यूशनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कंपनी को सैनोफी के साथ इन-लाइसेंसिंग डील और मंत्रा के कंसॉलिडेशन से फायदा होगा। कंपनी के लिए ज्याादतर कानूनी बाधाएं खत्म हो गई हैं। FY24-FY27 के दौरान कंपनी की सेल्स का सीएजीआर 14 फीसदी रह सकता है।
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