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Short Call: क्या ऑटो सेक्टर की रौनक लौटाएगा यह त्योहारी सीजन? जानिए Wipro और Axis Bank क्यों सुर्खियों में हैं

ऑटो सेक्टर के लिए सितंबर का महीना खराब रहा। मोटरसाइकिल-स्कूटी और कार-एसयूवी दोनों ही तरह की कंपनियों की सेल्स में तिमाही दर तिमाही और साल दर साल आधार पर गिरावट देखने को मिली। ऐसे में फेस्टिव सीजन से ऑटो कंपनियों की उम्मीद बढ़ गई है

अपडेटेड Oct 21, 2024 पर 11:11 AM
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ऑटो कंपनियों के लिए अक्टूबर में अच्छी सेल्स जरूरी है। इससे न सिर्फ इनवेंट्री में कमी आएगी बल्कि इस वित्त वर्ष के बाकी महीनों में सेल्स बेहतर रहने की उम्मीद बढ़ेगी।
     
     
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    टू-व्हीलर्स कंपनियों के अच्छे प्रदर्शन से ऑटो सेक्टर की चमक बढ़ी है। लेकिन, आगे दो-पहिया कंपनियों के लिए हालात मुश्किल दिख रहे हैं। उनकी सेल्स में सुस्ती दिख सकती है। बजाज ऑटो ने इसके संकेत दिए हैं। उसने इंडिया में सेल्स ग्रोथ के अनुमान में कमी की है। इसे 5-8 फीसदी के पहले के अनुमान से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है। सितंबर में स्कूटी-मोटरसाइकिल्स की सेल्स अच्छी नहीं रही। इसमें महीने दर महीने के आधार पर 10 फीसदी और साल दर साल आधार पर 8.5 फीसदी की गिरावट आई। श्राद्ध पक्ष और मानसून की बारिश सहित इसकी कई वजहें रहीं।

    इनवेंट्री में 7.9 लाख गाड़ियां हैं, जिनकी कीमत 79,000 करोड़ रुपये 

    पैसेंजर व्हीकल (PV) सेगमेंट का प्रदर्शन भी खराब रहा। सेल्स महीना दर महीना 10 फीसदी और साल दर साल 18.81 फीसदी कम रही। सीजनल इफेक्ट और इकोनॉमी की सुस्त पड़ती रफ्तार ने डीलर्स की चिंता बढ़ा दी है। उनकी इनवेंट्री में 7.9 लाख गाड़ियां हैं, जिनकी कीमत 79,000 करोड़ रुपये है। यह इनवेंट्री 80-85 दिनों की है। यह जानकारी डेटा FADA के डेटा पर आधारित है। सितंबर में सेल्स कमजोर रहने के बाद अब ऑटो कंपनियों और डीलर्स की नजरें फेस्टिव सीजन की डिमांड पर लगी हैं। ऑटो कंपनियों के लिए अक्टूबर में अच्छी सेल्स जरूरी है। इससे न सिर्फ इनवेंट्री में कमी आएगी बल्कि इस वित्त वर्ष के बाकी महीनों में सेल्स बेहतर रहने की उम्मीद बढ़ेगी।


    Axis Bank

    एक्सिस बैंक के शेयर 18 अक्टूबर को 5.75 फीसदी उछाल के साथ 1,196.95 रुपये पर बंद हुए थे। इसकी वजह बैंक के दूसरी तिमाही के बेहतर नतीजे थे। दूसरी तिमाही में Axis Bank की एसेट क्वालिटी में इम्प्रूवमेंट दिखा है। तिमाही दर तिमाही आधार पर क्रेडिट कॉस्ट में भी कमी आई है। मैनेजमेंट ने लंबी अवधि में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जताई है। उधर, बेयर्स का कहना है कि डिपॉजिट ग्रोथ घटी है। क्रेडिट ऑफटेक में भी सुस्ती है। इसका असर एक्सिस बैंक के प्रदर्शन पर पड़ सकता है।

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    Wipro

    विप्रो के शेयर 18 अक्टूपबर को 3.6 फीसदी चढ़कर 547.48 रुपये पर बंद हुए। इसकी वजह कंपनी के दूसरी तिमाही के बेहतर नतीजे हैं। Wipro के नतीजे मार्केट के अनुमान से बेहतर हैं। करीब सभी मोर्चों पर कंपनी का प्रदर्शन अच्छा रहा। लगातार छह तिमाहियों तक गिरावट के बाद रेवेन्यू में ग्रोथ दिखी। कंपनी को आगे अच्छी डील्स मिलने की उम्मीद है। एआई-पावर्ड सॉल्यूशन और वेंडर कॉन्सॉलिडेशन के मौकों से नई डील्स हासिल करने में मदद मिली। लेकिन, कंपनी का एग्जिक्यूशन प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के मुकाबले कमजोर है। इससे लंबी अवधि में ग्रोथ के मौकों का फायदा उठाने के लिहाज से कंपनी की क्षमता सीमित हो जाती है।

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