शेयरों में उछाल के लिए जिम्मेदार SIP के भी अपने रिस्क हैं, जानिए NALCO और Doms Industries क्यों फोकस में हैं

एक रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में आईटी कंपनियों ने गुपचुप तरीके से बड़ी संख्या में एंप्लॉयीज की छंटनी की हैं। चूंकि, इंडियन आईटी इंडस्ट्री रोजगार देने में काफी आगे है, जिससे इस सेक्टर की खराब सेहत का असर न सिर्फ इकोनॉमी बल्कि स्टॉक्स मार्केट्स पर भी पड़ सकता है

अपडेटेड May 29, 2024 पर 10:26 AM
Story continues below Advertisement
Doms Industries का रेवेन्यू मार्च तिमाही में साल दर साल आधार पर 20 फीसदी बढ़कर 403 करोड़ रुपये हो गया।
     
     
    live
    Volume
    Todays L/H
    Details

    स्टॉक्स की कीमतों में उछाल में डोमेस्टिक लिक्विडिटी का बड़ा हाथ है। सिप से निवेश हर महीने बढ़ रहा है। इससे यह धारणा बनी है कि सिप स्टॉक मार्केट के लिए बुलेट-प्रूफ सुरक्षा जैसा है। लेकिन, निवेश के इस बड़े स्रोत के अपने खतरे हैं। ऑल इंडिया आईटी एंड आईटीईएस एंप्लॉयीज यूनियन (एआईआईटीईयू) ने बताया है कि 2023 में आईटी/आईटीईएस सेक्टर में कंपनियों ने गुपचुप तरीके से बड़ी संख्या में एंप्लॉयीज को नौकरी से निकाला है। यह संख्या करीब 20,000 हो सकती है। इस बात की संभावना है कि असल संख्या इससे ज्यादा हो सकती है। यह चिंता की बात है क्योंकि आईटी सेक्टर देश में रोजगार देने में काफी आगे है। इसलिए आईटी सेक्टर की सेहत का असर दूसरे सेक्टर्स पर भी पड़ता है। खासकर रियल एस्टेट और ऑटो पर इसका काफी असर है।

    आईटी सर्विसेज (IT Services) की डिमांड घटी है, जिससे कंपनियां एंप्लॉयीज की संख्या घटा रही हैं। इसके अलावा इंडस्ट्री में होने वाला कुछ स्ट्रक्चरल बदलाव भी एंप्लॉयीज की छंटनी की वजह है। इनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) सबसे प्रमुख है। कई आईटी एक्सपर्ट्स ने कहा है कि आगे आईटी सेक्टर में बड़ी छंटनी दिख सकती है, क्योंकि कम से कम एंप्लॉयीज के साथ कामकाज करने पर कंपनियों का फोकस बढ़ रहा है। खास बात यह है कि प्रॉब्लम सिर्फ आईटी सेक्टर तक सीमित नहीं है। ब्रोकरेज फर्म Ambit ने कुछ समय पहले अपनी रिपोर्ट में कहा था कि युवाओं के बीच बेरोजगारी का बढ़ता स्तर इंडिया की ग्रोथ स्टोरी के लिए रिस्क बन सकता है। अगर नौकरियां जाने का सिलसिला जारी रहता है तो इसका असर SIP से हो रहे निवेश पर भी पड़ेगा।

    Nalco

    मार्च तिमाही में अच्छे नतीजों के बावजूद कंपनी के स्टॉक में गिरावट आई है। एफिशियंसी बढ़ाने के उपायों से Nalco का मार्जिन बढ़ा है। अल्युमीनियम की कीमतों में स्थिरता है। डिमांड आउटलुक स्ट्रॉन्ग है, क्योंकि क्लीन एनर्जी पर फोकस बढ़ा है। कई एनालिस्ट्स ने कंपनी की अर्निंग्स के अपने अनुमान बढ़ा दिए हैं। बेयर्स की दलील है कि मार्च तिमाही में अल्युमीनियम और केमिकल बिजनेस के रेवेन्यू में कमी आई है।


    यह भी पढ़ें: BJP की सरकार बनी तो ये 54 'मोदी स्टॉक्स' बन जाएंगे रॉकेट, ब्रोकरेज फर्म CLSA ने जारी की लिस्ट

    DOMS Industries

    मार्च तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू साल दर साल आधार पर 20 फीसदी बढ़कर 403 करोड़ रुपये हो गया। बुल्स का मानना है कि Doms Industries स्टेशनरी और आर्ट्स प्रोडक्ट्स में मार्केट लीडर है। इसका ब्रांड रिकॉल स्ट्रॉन्ग है। कंपनी ने अपनी मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटीज बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं। उधर, बेयर्स की दलील है कि इस इंडस्ट्री की दूसरी कंपनियों के मुकाबले डोम्स की वैल्यूएशन ज्यादा है।

    हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।