Droneacharya Aerial Shares: ड्रोनाचार्य एरियल इनोवेशंस के शेयरों में मंगलवार 2 दिसंबर को लगातार दूसरे दिन 20 प्रतिशत का लोअर सर्किट लगा। इसके साथ ही पिछले दो दिनों में कंपनी के शेयरों का भाव करीब 36 प्रतिशत तक टूट चुका है। जबकि तीसरे दिन ड्रोनाचार्य के शेयर 5.59 फीसदी गिरकर 34.28 रुपए पर बंद हुए हैं। यह गिरावट कंपनी और उसके प्रमोटरों के खिलाफ सेबी (Sebi) की ओर से जारी एक आदेश के बाद आया।
सेबी (Sebi) ने कंपनी और उसके प्रमोटरों के खिलाफ आईपीओ के जरिए जुटाई रकम के संभावित गलत इस्तेमाल और कुछ दूसरे मामलों को लेकर एक आदेश जारी किया है। इसी के बाद कंपनी के शेयरों में यह तगड़ी गिरावट देखी गई। इसके साथ ही कंपनी का कुल मार्केट कैप अब घटकर 87.10 करोड़ रुपये पर आ गया है।
हालांकि कंपनी का कहना है कि ये प्रतिबंध उसके रोजमर्रा के कारोबार, मजबूत ऑर्डर बुक और मूल बिजनेस को प्रभावित नहीं करेंगे, क्योंकि कंपनी का काम बाजार में ट्रेडिंग से जुड़ा हुआ नहीं है। ड्रोनाचार्य एरियल ने बताया कि वह SEBI के आदेश का कानूनी विकल्पों के जरिए जवाब देगी।
आधिकारिक आदेश के मुताबिक, SEBI को अपनी जांच में IPO फंड्स के कथित दुरुपयोग, वित्तीय आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने और भ्रामक कॉरपोरेट डिस्क्लोजर जैसी गंभीर अनियमितताओं का पता चलता है। आदेश में लिखा था, “यह मानने का सही आधार है कि IPO से मिली रकम का गलत इस्तेमाल हो सकता है, फाइनेंशियल स्टेटमेंट में गलत जानकारी दी जा सकती है, और ड्रोनाचार्य एरियल इनोवेशंस के मैनेजमेंट ने सेबी एक्ट के नियमों का उल्लंघन करते हुए कंपनी के निवेशकों को नुकसान पहुंचाने के लिए फंड को दूसरी जगह लगाया।”
आदेश में यह भी कहा गया कि मैनेजमेंट ने ऐसे व्यवहार से शेयर कीमतों को कृत्रिम रूप से ऊंचा दिखाने की कोशिश की, जिससे निवेशकों को नुकसान हुआ।
SEBI के मुताबिक, कंपनी ने कई बार साधारण या अप्रभावी समझौते को बड़े सौदों के तौर पर पेश किया। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए भ्रामक ऑर्डर और घोषणाएं कीं गई। इतना ही नहीं, कंपनी अपनी वेबसाइट पर आमिर खान और रणबीर कपूर जैसे बॉलीवुड सितारों की तस्वीरें भी बिना उनकी अनुमति के दिखा रही थी, जिससे निवेशकों में उत्साह पैदा किया जा सके।
दिसंबस 2022 में आया था IPO
ड्रोनाचार्य एरियल इनोवेशंस ने दिसंबर 2022 में अपना IPO लॉन्च किया था, जिससे 33.96 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। कंपनी 23 दिसंबर 2022 को BSE SME प्लेटफॉर्म पर लिस्ट हुई थी। जांच में यह भी सामने आया कि लिस्टिंग के बाद कंपनी लगातार ओवरहाइप्ड घोषणाएं करती रही, ताकि निवेशकों की रुचि बनी रहे और प्री-IPO निवेशक फायदा उठाकर बाहर निकल सकें।
SEBI के अनुसार, 15 नवंबर 2024 तक 210 में से 168 निवेशक अपनी 74 लाख शेयरों की बिक्री कर चुके थे, जिससे उन्हें कुल ₹114.25 करोड़ की रकम मिली और लगभग 78% यानी ₹89.60 करोड़ मुनाफे के रूप में हासिल हुए।
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