Stock in Focus: इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी NCC लिमिटेड ने सोमवार को बताया कि उसे बिहार के जल संसाधन विभाग से जमुई जिले में बनने वाले बर्नार रिजर्वॉयर स्कीम का कॉन्ट्रैक्ट मिला है। यह काम करीब ₹2,090.5 करोड़ (GST छोड़कर) का है। इसमें रिजर्वॉयर, बांध, सिंचाई नहरें और अन्य संबंधित स्ट्रक्चर का निर्माण शामिल है।
रिजर्वॉयर का मतलब होता है पानी जमा करने की बड़ी कृत्रिम झील या टैंक। इसे आमतौर पर बांध बनाकर तैयार किया जाता है। इसमें बारिश का पानी, नदी का पानी या नहर का पानी स्टोर किया जाता है ताकि बाद में पीने, सिंचाई, बिजली बनाने या औद्योगिक कामों में इस्तेमाल किया जा सके।
कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि इस प्रोजेक्ट को 30 महीने में पूरा करना है। इसके बाद 60 महीने की डिफेक्ट लाइबिलिटी अवधि होगी, यानी इस दौरान किसी तकनीकी खराबी या दिक्कत की जिम्मेदारी कंपनी की होगी।
हाल के बड़े कॉन्ट्रैक्ट्स
NCC के लिए यह नया ऑर्डर हाल के महीनों में मिले कई बड़े कॉन्ट्रैक्ट्स की कड़ी है। जून में कंपनी ने अपनी बिल्डिंग डिवीजन के लिए ₹1,690.5 करोड़ के नए ऑर्डर हासिल किए थे। ये ऑर्डर राज्य सरकार की एजेंसियों और एक प्राइवेट कंपनी से मिले थे।
मुंबई मेट्रो का ऑर्डर भी मिला
इसी दौरान कंपनी को ₹2,269 करोड़ का बड़ा ऑर्डर मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MMRDA) से भी मिला। यह काम मेट्रो लाइन 6 से जुड़ा है, जिसमें रोलिंग स्टॉक, सिग्नलिंग सिस्टम, टेलीकॉम और डिपो मशीनरी का काम शामिल है।
वित्तीय प्रदर्शन में दबाव
मजबूत ऑर्डर बुक होने के बावजूद कंपनी की कमाई पर दबाव दिखा। जून तिमाही (Q1FY26) में NCC का शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 8.4% घटकर ₹192.1 करोड़ रह गया। इसी अवधि में ऑपरेशन से रेवेन्यू भी 6.3% घटकर ₹5,179 करोड़ पर आ गया।
NCC के शेयर सोमवार को 1.72% की बढ़त के साथ 212.30 रुपये पर बंद हुए। पिछले 1 महीने में स्टॉक 3.05% गिरा है। वहीं, 1 साल में NCC का शेयर 31.71% नीचे आया है। इस साल यानी 2025 में भी स्टॉक 23.50% फिसला है। हालांकि, बीते 6 महीने में स्टॉक ने 15.16% का रिटर्न दिया है। NCC का मार्केट कैप 13.31 हजार करोड़ रुपये है।
NCC लिमिटेड हैदराबाद बेस्ड इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी है, जो देशभर में बड़े पैमाने पर कंस्ट्रक्शन और इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स करती है। इसका बिजनेस रेंज काफी बड़ा है। इसमें बिल्डिंग, रोड, वाटर, इलेक्ट्रिकल, रेल, माइनिंग और मेट्रो जैसे प्रोजेक्ट्स शामिल हैं।
कंपनी सरकार और प्राइवेट दोनों सेक्टर से कॉन्ट्रैक्ट लेती है। यह बांध, रिजर्वॉयर, हाइवे, एयरपोर्ट, पावर प्लांट और अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी परियोजनाओं पर काम करती है।
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