Credit Cards

शेयर बाजार में गिरावट का दौर खत्म, इसी साल नया ऑलटाइम हाई छू सकता है मार्केट: कार्नेलियन के विकास खेमानी

भारत का शेयर बाजार अब अपने निचले स्तर को लगभग छू चुका है और इसी वित्त वर्ष के भीतर यह नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है। ऐसा मानना है कार्नेलियन एसेट एडवाइजर्स (Carnelian Asset Advisors) के फाउंडर विकास खेमानी का। खेमानी ने कहा, "मुझे लगता है कि बाजार का बॉटम अब पीछे छूट चुका है। मैंने संकट के समय भी कहा था कि निफ्टी का 22,000 के स्तर से नीचे जाना मुश्किल है क्योंकि इस स्तर से वैल्यूएशन हमारे पक्ष में आने लगते हैं और काफी चिताएं कम हो जाती है।"

अपडेटेड Apr 22, 2025 पर 3:30 PM
Story continues below Advertisement
विकास खेमानी का मानना है कि कंपनियों के मार्च तिमाही (Q4) के नतीजे सामान्य रहेंगे

भारत का शेयर बाजार अब अपने निचले स्तर को लगभग छू चुका है और इसी वित्त वर्ष के भीतर यह नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है। ऐसा मानना है कार्नेलियन एसेट एडवाइजर्स (Carnelian Asset Advisors) के फाउंडर विकास खेमानी का। उन्होंने यह बात 'द वेल्थ फॉर्मूला' शो में एन महालक्ष्मी से बातचीत के दौरान कही। खेमानी ने कहा कि टैरिफ से जुड़े जोखिमों और क्रूड ऑयल की कीमतों में अस्थिरता जैसे ग्लोबल अनिश्चचतताओं के बावजूद, शेयर बाजार में घरेलू निवेश का मामला मजबूत बना हुआ है।

खेमानी ने कहा, "मुझे लगता है कि बाजार का बॉटम अब पीछे छूट चुका है।" उन्होंने कहा, " मैंने संकट के समय भी कहा था कि निफ्टी का 22,000 के स्तर से नीचे जाना मुश्किल है क्योंकि इस स्तर से वैल्यूएशन हमारे पक्ष में आने लगते हैं और काफी चिताएं कम हो जाती है।"

तिमाही नतीजों को लेकर क्या बोले?

खेमानी का मानना है कि मौजूदा Q4 के नतीजे सामान्य रहेंगे। ना बहुत शानदार, ना ही बहुत कमजोर। उन्होंने कहा, "कोई बड़ी उम्मीद नहीं है, लेकिन यह बहुत बड़ा नुकसान भी नहीं होने वाला है।" हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि जून तिमाही में टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितताओं और इनवेंट्री घाटे के चलते कुछ दिक्कतें आ सकती हैं, लेकिन सितंबर तिमाही से अर्निंग्स में फिर से रफ्तार आने की उम्मीद है।


ग्लोबल संकट का भारत पर असर कम

अमेरिका द्वारा लगाए गए नए टैरिफ और कच्चे तेल की अस्थिर कीमतों के बावजूद, खेमानी ने कहा कि भारत की स्थिति "न्यूट्रल से थोड़ी पॉजिटिव" है। उन्होंने कहा, “भारत को केवल तभी नुकसान हो सकता है जब उसका टैरिफ रेट चीन, वियतनाम या मेक्सिको जैसे देशों से ज्यादा हो, जो कि संभव नहीं लगता।”

रिटेल निवेशकों का सेंटीमेंट कमजोर

खेमानी ने बताया कि जो रिटेल निवेशक बाजार की ऊंचाई पर आए, उनके पोर्टफोलियो 40–50% तक नुकसान झेल रहे हैं, जबकि इंडेक्स ने करीब 20% का करेक्शन देखा है। इसके चलते रिटेल निवेशकों का मनोबल कमजोर हुआ है। उन्होंने कहा, "आप बाजार के शिखर पर बहुत सारा पैसा सनक में लगा देते हैं और इसके चलते, आपके पोर्टफोलियो की हालत शेयर बाजारों की तुलना में कहीं अधिक खराब हो जाती है।"

हालांकि, अनुभवी निवेशक पूंजी लगा रहे हैं और इस अवधि को एक मौके के रूप में देख रहे हैं। उन्होंने “मेरे अनुसार ये फिर एक शानदार ‘विंटेज’ बनने जा रहा है। भारत की ग्रोथ स्टोरी आज भी दुनिया की सबसे मजबूत वेल्थ क्रिएशन स्टोरी बनी हुई है।”

बैंकिंग जैसे सेक्टर देंगे रैली को बढ़ावा

भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दरों में कटौती की है और आगे भी कटौती जारी रहने के संकेत दिए हैं। खेमानी ने कहा कि बैंकिंग जैसे सेक्टर शेयर बाजार की इस रैली की अगुआई करेंगे, और बाजार इस साल नई ऊंचाई पर पहुंच सकता है।

यह भी पढ़ें- सेंसेक्स 250 अंक उछला! 50 रुपये से कम भाव वाले इन 5 शेयरों में लगा अपर सर्किट

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।