Stock Market Crash: ग्लोबल बाजारों में जारी उथल-पुथल के बीच भारतीय शेयर बाजार भी बड़ी गिरावट की ओर बढ़ते नजर आ रहे हैं। सोमवार 7 अप्रैल को भारतीय शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ खुले हैं। सेंसेक्स एक झटके में 4,000 क्रैश हो गया, जिससे निवेशकों में त्राहिमाम मच गया। GIFT निफ्टी भी 900 अंकों तक गिर गया। अमेरिकी बाजारों में भी गुरुवार और शुक्रवार को भारी बिकवाली देखने को मिली, जिससे निवेशकों की चिंता और बढ़ गई है।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि शेयर बाजार की इस गिरावट में निवेशकों को क्या करना चाहिए? लगातार हो रहे घाटे के बीच अपने पोर्टफोलियो को कैसे मैनेज करें? और आगे क्या संभावनाएं हैं? इस पर मॉर्गन स्टैनली (Morgan Stanley), नोमुरा (Nomura) और CLSA के विशेषज्ञों ने अहम सलाह दी है।
Morgan Stanley: पूरी तरह से डिफेंसिव हो जाएं
उन्होंने यूटिलिटीज, टेलीकॉम और कंज्यूमर स्टेपल्स जैसे डिफेंसिव माने जाने वाले सेक्टर्स में निवेश की सलाह दी है। वहीं दूसरी ओर उन्होंने सेमीकंडक्टर, हार्डवेयर, ऑटो और साइक्लिकल सेक्टर्स पर अंडरवेट की राय दोहराई है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि गोल्ड और डिफेंस सेक्टर्स से जुड़ी कंपनियों के शेयर थोड़े समय के लिए कमजोर हो सकते हैं, लेकिन यह खरीदने का अच्छा मौका होगा।
Nomura: भारत बना रहेगा निवेशकों का पसंदीदा
नोमुरा के चेतन सेठ का कहना है कि एशिया-प्रशांत इलाके में गिरावट के दौरान भी भारत निवेश के लिए सबसे अच्छा विकल्प बना रहेगा। उन्होंने कहा, “अमेरिकी शेयर बाजार तकनीकी रूप से ओवरसोल्ड जोन के करीब हैं, लेकिन फिर भी वैल्यूएशन अभी भी संतोषजनक नहीं हैं।”
उन्होंने सलाह दिया कि जब तक अमेरिका की नीतियों में बदलाव नहीं आता, तब तक एशिया (जापान को छोड़कर) में डिफेंसिव निवेश रणनीति अपनाई जानी चाहिए। उन्होंने ताइवान, कोरिया और चीन के बाजारों को लेकर विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
CLSA: अभी और गिरावट संभव, संकेत नहीं सुधरे
CLSA के लॉरेंस बालांको ने कहा है कि शेयर बाजार में अभी तक गिरावट रुकने के कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिले हैं, जिससे साफ है कि बिकवाली अब तक व्यवस्थित ढंग से हो रही है और आगे भी जारी रह सकती है। उन्होंने कहा, “भले ही कई बाजारों में एक्सट्रीम मोमेंटम और नेगेटिव सेंटीमेंट दिख रहे हैं, लेकिन जब तक डेली मोमेंटम इंडिकेटर लो कन्फर्म करते रहेंगे, तब तक कोई भी उछाल टिकाऊ नहीं रहेगा और इसके बाद और कमजोरी देखने को मिल सकती है।”
भारत में भी असर, निवेशक रहें सतर्क
पिछले दो कारोबारी दिनों में अमेरिकी शेयर बाजारों में $5 ट्रिलियन मार्केट कैप स्वाहा हो चुका है। कोई भी एसेट क्लास इस गिरावट से अछूता नहीं रहा। भारतीय बाजारों की बात करें तो इंडेक्स मार्च 4 के निचले स्तर के करीब खुलने की संभावना है।
डिस्क्लेमरः Moneycontrol पर एक्सपर्ट्स/ब्रोकरेज फर्म्स की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।