शेयर बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी भले ही नया रिकॉर्ड हाई बना रहे हों, लेकिन बड़ी संख्या में रिटेल निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में इसका फायदा नहीं दिख रहा है। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके पीछे तेजी का सीमित दायरा, रिटेल निवेशकों का स्मॉलकैप शेयरों में अधिक निवेश, और ब्रॉडर मार्केट का कमजोर प्रदर्शन शामिल हैं।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने कहा कि निफ्टी और सेंसेक्स में जो तेजी दिख रही है, वह असल में कुछ चुनिंदा बड़े शेयरों की वजह से है। उन्होंने बताया, “मार्केट नई ऊंचाइयों पर है, लेकिन अधिकतर रिटेल निवेशकों के पोर्टफोलियो अब भी नुकसान में हैं। खासतौर पर उन निवेशकों के जो जो मार्च 2020 के कोविड क्रैश के बाद बाजार में आए”
विजयकुमार का मानना है कि रिटेल निवेशकों में “स्मॉलकैप की दीवानगी” सबसे बड़ी समस्या है। अधिकतर निवेशक इन शेयरों में निवेश करते समय वैल्यूएशन की परवाह नहीं करते हैं। निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स अभी भी अपने पिछले उच्च स्तर से करीब 9% नीचे है। स्मॉलकैप कंपनियों की कमजोर अर्निंग ग्रोथ और ऊंचे वैल्यूएशन के चलते यह सेगमेंट लगातार दबाव में बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि मीडियम टर्म में भी स्मॉलकैप और माइक्रोकैप शेयरों का प्रदर्शन कमजोर बने रहने की उम्मीद है, जिसका असर रिटेल पोर्टफोलियो पर पड़ता रहेगा। उन्होंने कहा कि रिटेल निवेशकों को लार्जकैप शेयरों और मजबूत ग्रोथ वाली चुनिंदा मिडकैप कंपनियों की ओर रुख करना चाहिए।
SAMCO सिक्योरिटीज में मार्केट पर्सपेक्टिव्स और रिसर्च के हेड अपूर्व शेठने भी इस बात पर जोर दिया कि निफ्टी-सेंसेक्स की तेजी अधूरी कहानी दिखाती है। उन्होंने कहा, “बेंचमार्क इंडेक्स अक्सर चौतरफा तेजी का भ्रम पैदा करते हैं। जब इंडेक्स नई ऊंचाई पर पहुंचता है, तो ऐसा लगता है कि हर कोई पैसा कमा रहा है। लेकिन असली कहानी तभी दिखती है जब आप इन बेंचमार्क इंडेक्सों के पार क्या है, इसे समझते हैं।”
750 स्टॉक्स में सिर्फ 252 स्टॉक्स चढ़े
मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से, देश के टॉप 750 स्टॉक्स में 716 शेयर एक साल से ज्यादा समय से सूचीबद्ध हैं। इनमें से सिर्फ 252 शेयर पिछले एक साल में बढ़े हैं, जबकि बाकी 464 शेयर नुकसान में हैं। इन सभी शेयरों का औसत रिटर्न -5.24% और मीडियन रिटर्न -10.54% है
शेठ ने कहा कि करीब 268 शेयरों में 20% से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली। वहीं इसके उलट सिर्फ 117 शेयरों में 20 प्रतिशत से अधिक की तेजी देखने को मिली है।
शेठ ने कहा, "यह अंतर इसलिए दिख रहा है क्योंकि निफ्टी को कुछ ही हैवीवेट स्टॉक्स चला रहे हैं, जिन्होंने इंडेक्स को सपोर्ट दिया हुआ है।" इसके उलट रिटेल निवेशकों की जहां अधिक हिस्सेदारी है, वे सेगमेंट अभी भी कमजोर बने हुए हैं। जैसे निफ्टी माइक्रोकैप 250 इंडेक्स करीब 10 प्रतिशत नीचे है। वहीं निफ्टी स्मॉलकैप 250 इंडेक्स करीब 9 प्रतिशत नीचे है। इसी के चलते कई रिटेल निवेशकों के पोर्टफोलियो मुनाफा में नहीं दिख रहा है।
यह अंतर रिटेल निवेशकों की निराशा का मुख्य कारण है। जहां निफ्टी नए हाई मना रहा है, वहीं ब्रॉडर मार्केट का अधिकतर हिस्सा अभी भी दबाव में बना हुआ है। निवेशकों को तब तक किसी ठोस सुधार की उम्मीद नहीं करनी चाहिए जब तक कि रैली यह लार्जकैप शेयरों से निकलकर सभी सेक्टर्स और मार्केट कैप को शामिल नही करती है।
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