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मार्केट के बुरे दिन खत्म होते दिख रहे, क्या आप मौके का फायदा उठाने के लिए तैयार हैं?

स्टॉक मार्केट का मूड बदला दिख रहा है। 19 मार्च को लगातार तीसरे दिन स्टॉक मार्केट्स में अच्छी खरीदारी दिखी। इस मार्केट रिकवरी का फायदा उठाने के लिए आप अपने पोर्टफोलियो में बदलाव कर सकते हैं। इससे आपका मुनाफा काफी बढ़ सकता है

अपडेटेड Mar 19, 2025 पर 12:27 PM
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इस गिरावट के बाद इंडियन मार्केट्स की वैल्यूएशन घटी है।

स्टॉक मार्केट में 19 मार्च को लगातार तीसरे दिन तेजी दिखी। निवेशकों ने पिछले छह महीनों से जारी गिरावट के बाद राहत की सांस ली है। इस गिरावट की वजह से छोटे-बड़े स्टॉक्स की कीमतें काफी गिर गई हैं। इससे निवेशकों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। सवाल है कि क्या इंडियन मार्केट्स के लिए बुरे दिन खत्म हो गए हैं?

इंडियन मार्केट्स की वैल्यूएशन घटी

इस गिरावट (Market Fall) के बाद इंडियन मार्केट्स की वैल्यूएशन घटी है। इधर, इनफ्लेशन कंट्रोल में आता दिख रहा है। लंबे समय बाद विदेशी फंडों (FIIs) ने इंडियन मार्केट्स (Indian Stock Markets) में खरीदारी की है। अनुमान है कि विदेशी फंडों की खरीदारी इंडियन मार्केट में जारी रहेगी। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पॉलिसी की वजह से अमेरिकी इकोनॉमी को नुकसान हो सकता है। इसका असर अमेरिकी स्टॉक मार्केट्स पर दिख रहा है। मार्च में अमेरिकी स्टॉक मार्केट्स में बड़ी गिरावट आई है।


अमेरिकी इकोनॉमी के मंदी में जाने का डर

ट्रंप सरकार ने आक्रामक टैरिफ पॉलिसी अपनाई है। गैरकानूनी अप्रवासियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। सरकार की DOGE प्रोग्राम के तहत सरकारी एंप्लॉयीज की छंटनी की जा रही है। इन वजहों से अमेरिका में उथलपुथल मचा है। इससे माना जा रहा है कि अमेरिकी इकोनॉमी की ग्रोथ काफी घट सकती है। यहां तक कि इसके मंदी में जाने तक की आशंका जताई जा रही है। इस बीच, ट्रंप इंटरेस्ट रेट्स में कमी चाहते हैं। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व 19 मार्च को अपनी मॉनेटरी पॉलिसी पेश करेगा। इसमें इंटरेस्ट रेट में कमी की उम्मीद नहीं है।

RBI ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए इंटरेस्ट रेट घटा सकता है

अगर अमेरिका में मंदी का खतरा बढ़ता है तो इंटरेस्ट रेट्स में कमी के आसार बढ़ जाएंगे। इस बीच, डॉलर इंडेक्स में कमजोरी इंडिया जैसे इमर्जिंग मार्केट्स के लिए अच्छी खबर है। इससे RBI भी एक्सचेंज रेट की चिंता के बगैर इकोनॉमिक ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए इंटरेस्ट रेट में कमी का फैसला ले सकता है। आरबीआई ने इंटरेस्ट रेट में कमी की शुरुआत कर दी है। इसके अलावा, उसने लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठाए हैं। रूपी-डॉलर स्वैप और OMO इसके उदाहरण हैं।

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निफ्टी जल्द 24000 पर पहुंच सकता है

एफआआई की खरीदारी जारी रहने पर निफ्टी के फिर से जल्द 24,000 पर पहुंचने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि, टैरिफ वॉर और अमेरिका में मंदी की आशंका से मार्केट में बीच-बीच में गिरावट दिख सकती है। ऐसे में यह पोर्टफोलियो की रिस्ट्रक्चरिंग के लिए सही समय है। मार्केट में तेजी आने पर इनवेस्टर्स अपने पोर्टफोलियो से कमजोर स्टॉक्स को बाहर कर सकते हैं। साथ ही अट्रैक्विट वैल्यूएशन पर मजबूत फंडामेंटल्स वाली कंपनियों के शेयरों को खरीद सकते हैं या उनमें निवेश बढ़ा सकते हैं।

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