भारत से भी ज्यादा इन देशों का क्रैश हुआ शेयर बाजार... हांगकांग में टूटा रिकॉर्ड, ताइवान में रोकनी पड़ी ट्रेडिंग

Global Markets Crash: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लगाए गए जवाबी टैरिफ ने पूरी दुनिया के शेयर बाजारों में हड़कंप मचा दिया है। वॉल स्ट्रीट से लेकर एशिया और यूरोप तक हर बाजार में जबरदस्त बिकवाली देखी गई। हालांकि, इस चौतरफा गिरावट के बीच में भी भारतीय शेयर बाजारों ने तुलनात्मक रूप से बेहतर प्रदर्शन किया है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले सीमित गिरावट देखी गई

अपडेटेड Apr 07, 2025 पर 5:23 PM
Story continues below Advertisement
Global Markets Crash: हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स 13 प्रतिशत तक गिर गया, जो इस साल की सबड़े बड़ी गिरावट है

Global Markets Crash: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लगाए गए जवाबी टैरिफ ने पूरी दुनिया के शेयर बाजारों में हड़कंप मचा दिया है। वॉल स्ट्रीट से लेकर एशिया और यूरोप तक हर बाजार में जबरदस्त बिकवाली देखी गई। हालांकि, इस चौतरफा गिरावट के बीच में भी भारतीय शेयर बाजारों ने तुलनात्मक रूप से बेहतर प्रदर्शन किया है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले सीमित गिरावट देखी गई।

किस देश को सबसे बड़ा झटका?

सबसे अधिक गिरावट एशियाई शेयर बाजारों में देखने को मिली। इसमें भी हांगकांग का मार्केट टॉप पर रहा। हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स 13 प्रतिशत तक गिर गया, जो हाल के सालों में इसमें आई सबसे बड़ी इंट्राडे गिरावट रही। ताइवान का बेंचमार्क इंडेक्स 9.7 प्रतिशत तक गिर गया, जिसके बाद इसमें ट्रेडिंग रोकनी पड़ी। जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 7.4% लुढ़क कर अब बियर मार्केट जोन में प्रवेश कर गया है।

यूरोपीय बाजारों में भी यही तस्वीर रही। जर्मनी का DAX इंडेक्स खुलते ही 10 प्रतिशत गिर गया। जबकि फ्रांस का CAC 5.6 प्रतिशत टूटा और लंदन का FTSE 100 भी दोपहर तक 4.7 प्रतिशत नीचे कारोबार कर रहा था। अमेरिकी शेयर बाजारों के फ्यूचर्स भी दबाव में दिखे। डाउ फ्यूचर्स 1,200 अंक यानी 3.3 प्रतिशत नीचे थे, जबकि S&P 500 और नैस्डैक फ्यूचर्स में भी चार प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई।


भारत रहा तुलनात्मक रूप से बेहतर

इन सबके बीच भारतीय शेयर बाजार की स्थिति तुलनात्मक रूप से बेहतर रही। सेंसेक्स 2,226 अंक या 2.95 प्रतिशत गिरकर 73,137 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 3.24 फीसदी टूटकर 22,161 के स्तर पर बंद हुआ। एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत की अमेरिकी निर्यात पर निर्भरता बहुत कम है और जीडीपी के करीब दो प्रतिशत के बराबर है। इसके चलते ट्रंप टैरिफ का भारत का पर सीधा असर सीमित रहने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके अलावा भारत की डायवर्सिफाइड ट्रेड पॉलिसी ने भी इसे बाकी एशियाई देशों की तुलना में अधिक सुरक्षित बनाया है।

टैरिफ वॉर: मंदी का खतरा?

ब्रोकरेज फर्म JM फाइनेंशियल के अनुसार भारत की ट्रेड पॉलिसी डायवर्सिफाई और उस पर लगे अपेक्षाकृत कम टैरिफ के चलते भी इसे बाकी एशियाई देशों की तुलना में कम नुकसान हुआ है। इसके बावजूद ग्लोबल अनिश्चितता, कमोडिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव और जवाबी टैरिफ की आशंका के कारण निवेशकों की चिंता बनी हुई है।

वेंचुरा सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड विनीत बोलिंजकर का कहना है टैरिफ के चलते अमेरिका में खपत में गिरावट आने की आशंका है, जिससे ग्लोबल स्तर पर सप्लाई का दबाव बढ़ेगा और कई अहम कमोडिटी की कीमतों में गिरावट आएगी। इससे ग्लोबल इकोनॉमी में डिफ्लेशन का खतरा बढ़ सकता है।

यह भी पढ़ें- Stock Market Crash: एक दिन में ₹13.4 लाख करोड़ स्वाहा! सेंसेक्स 2200 अंक गिरकर बंद, 543 शेयरों में लगा लोअर सर्किट

डिस्क्लेमरः Moneycontrol पर एक्सपर्ट्स/ब्रोकरेज फर्म्स की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।