24 सितंबर को शेयर बाजार में लगातार चौथे दिन गिरावट का रुख है। अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल की कमेंट्री और अन्य ग्लोबल फैक्टर्स ने बाजार के सेंटिमेंट को प्रभावित किया है। बुधवार सुबह सेंसेक्स 184.45 अंकों की गिरावट के साथ 81,917.65 पर खुला। कुछ ही मिनटों में गिरावट और बढ़कर 382 अंक तक पहुंच गई और यह 81,720.29 पर आ गया।
इसी तरह NSE निफ्टी ने 60.75 अंकों की गिरावट के साथ 25,108.75 पर ओपनिंग की और फिर 25,053.80 के लो तक गया। निफ्टी पर पीएसयू बैंक को छोड़कर सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में हैं। निफ्टी आईटी में लगभग 1 प्रतिशत की गिरावट है। अमेरिकी एच-1बी वीजा के लिए नए आवेदन को लेकर फीस 1 लाख डॉलर किए जाने के चलते आईटी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली का दबाव बना हुआ है।
पॉवेल की कमेंट्री के बाद ग्लोबल मार्केट्स टूटे
फेड चेयरमैन पॉवेल की कमेंट्री के कारण ग्लोबल मार्केट्स में बिकवाली का दबाव है। अमेरिकी बाजारों में भी गिरावट दिखी। भारतीय बाजार भी इस गिरावट से अछूते नहीं हैं। पॉवेल ने कहा है, "हम ओवरऑल वित्तीय स्थितियों पर नजर रखे हुए हैं, और खुद से पूछते हैं कि क्या हमारी पॉलिसीज वित्तीय स्थितियों को उस तरह से प्रभावित कर रही हैं जैसा कि हम चाहते हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि इक्विटी की कीमतें काफी हाई हैं। उचित वैल्यूएशंस या सही स्टॉक प्राइस क्या होना चाहिए, यह तय करना फेडरल रिजर्व का काम नहीं है।
जियोजित इनवेस्टमेंट्स के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार का कहना है, "अब वैश्विक स्तर पर बाजार में चिंता का एक विषय एसेट्स की ऊंची कीमतें हैं। चाहे शेयर हों, सोना हो, चांदी हो, बिटकॉइन हो, सभी एसेट्स की कीमतें ऊंची हैं। यह चिंता फेड प्रमुख जेरोम पॉवेल ने रोड आइलैंड में अपने भाषण में जताई। पॉवेल ने महंगाई और रोजगार के जोखिमों पर भी जोर दिया, जिससे संकेत मिलता है कि आगे चलकर फेड की पॉलिसीज चुनौतीपूर्ण होंगी।"
23 सितंबर को कितना टूटा था मार्केट
भारतीय शेयर बाजारों के मंगलवार के हाल की बात करें तो उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में BSE सेंसक्स 57.87 अंक या 0.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 82,102.10 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान इसने 82,370.38 का हाई और 81,776.53 का लो छुआ। NSE निफ्टी 32.85 अंक या 0.13 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,169.50 पर बंद हुआ।
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