Swiggy Stock Price: फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी के शेयरों में 24 सितंबर को शुरुआती कारोबार में लगभग 2 प्रतिशत तक की गिरावट दिखी। BSE पर कीमत 440.70 रुपये के लो तक चली गई। एक दिन पहले कंपनी ने बताया था कि उसके बोर्ड ने बाइक-टैक्सी सर्विस प्रोवाइडर रैपिडो में पूरी हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दी है। यह सौदा करीब 2400 करोड़ रुपये का है। स्विगी ने रैपिडो में लगभग 12 प्रतिशत हिस्सेदारी करीब 1000 करोड़ रुपये में अप्रैल 2022 में खरीदी थी।
स्विगी ने शेयर बाजारों को बताया था कि वह 10 इक्विटी शेयर और 1,63,990 सीरीज-डी कंपल्सरिली कनवर्टिबल प्रिफरेंस शेयरों (CCPS) को नीदरलैंड स्थित कंपनी एमआईएच इनवेस्टमेंट्स (प्रोसस समूह) को बेचेगी। यह सौदा लगभग 1,968 करोड़ रुपये का होगा। इसके अलावा रैपिडो में उसके अन्य 35,958 सीरीज-डी CCPS को सेतु एआईएफ ट्रस्ट (वेस्टब्रिज समूह) को 431.49 करोड़ रुपये में बेचा जाएगा।
स्विगी ने 23 सितंबर को यह भी जानकारी दी थी कि उसके बोर्ड ने क्विक कॉमर्स बिजनेस ‘इंस्टामार्ट’ को एक अलग यूनिट स्विगी इंस्टामार्ट प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। इंस्टामार्ट अब स्विगी के पूर्ण-मालिकाना हक वाली एक सब्सिडियरी होगी।
Swiggy का शेयर 6 महीनों में 27 प्रतिशत चढ़ा
स्विगी का मार्केट कैप 1 लाख करोड़ रुपये के मार्क पर है। शेयर की फेस वैल्यू 1 रुपये है। कंपनी में जून 2025 के आखिर तक पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास 92.28 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। स्विगी के शेयरों में 6 महीने में लगभग 27 प्रतिशत और 3 महीनों में 14 प्रतिशत की मजबूती आई है। शेयर का BSE पर 52 सप्ताह का एडजस्टेड उच्च स्तर 617 रुपये और एडजस्टेड निचला स्तर 297 रुपये है।
जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने स्विगी के शेयर के लिए 550 रुपये प्रति शेयर के टारगेट प्राइस के साथ 'बाय' रेटिंग बरकरार रखी है। मॉर्गन स्टेनली ने स्विगी के शेयर के लिए 450 रुपये प्रति शेयर के टारगेट प्राइस के साथ 'ओवरवेट' रेटिंग दी है।
जून तिमाही में घाटा 96 प्रतिशत बढ़ा
स्विगी को अप्रैल-जून 2025 तिमाही में कंसोलिडेटेड बेसिस पर 1197 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ। यह एक साल पहले के घाटे 611 करोड़ रुपये से 96 प्रतिशत ज्यादा है। हालांकि कंपनी का ऑपरेशंस से कंसोलिडेटेड रेवेन्यू सालाना आधार पर 54 प्रतिशत बढ़कर 4961 करोड़ रुपये रहा। जून 2024 तिमाही में यह 3222 करोड़ रुपये था। कुल खर्च 6244 करोड़ रुपये के रहे। एक साल पहले खर्च 3908 करोड़ रुपये के थे।
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