समीर अरोड़ा (Samir Arora) ने डेलावेयर (अमेरिका) स्थित Alliance Mutual Fund को मैनेज किया है। इसमें उनका ट्रैक रिकॉर्ड बहुत अच्छा था। उन्होंने तब इस फंड हाउस को खरीदने की कोशिश की थी, जब इसे एचडीएफसी म्यूचुअल फंड को बेचने की बातचीत चल रही थी। उनकी लोकप्रियता इस फंड हाउस के इनवेस्टर्स के बीच इतनी ज्यादा थी कि उनके इस्तीफे की खबर फैलते ही इनवेस्टर्स ने फंड्स से अपने पैसे निकालने शुरू कर दिए थे। बाद में एचडीएफसी म्यूचुअल फंड ने भी डील की बातचीत बंद कर दी थी। फिर अलायंस ने बेचने के प्लान को टाल दिया था।
2005 में हेलियस कैपिटल की शुरुआत
अपनी अगली पारी में अरोड़ा ने हेज फंड मैनेजर की भूमिका निभाई। उन्होंने 2005 में हेलियस कैपिटल की शुरुआत की। इसे Artemis Advisors India का रिसर्च सपोर्ट हासिल था। यह कंपनी अरोड़ा के दोस्त दिनेश ईरानी की थी। वह एक समय अलायंस कैपिटल में एफएमसीजी एनालिस्ट थे। अरोड़ा के आइडिया के लोग काफी दिवाने हैं। एक्स प्लेटफॉर्म पर उनके 50 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।
हेज फंड मैनेजर की पारी शुरू की
अरोड़ा को नसीम निकोलस तालेब की किताब Fooled by Randomness ने बहुत प्रभावित किया है। अरोड़ा का मानना है कि स्टॉक्स मार्केट से पैसे कमाने में किस्मत का काफी हाथ होता है। वह अपने बारे में बताते हुए कहते हैं, "मैंने अपना रोल बदलते हुए हेज फंड मैनेजर का काम शुरू किया। इसकी वजह यह थी कि मैं नहीं चाहता था कि मैं इस बात पर बहस नहीं चाहता था कि मेरे प्रदर्शन के पीछे स्किल का हाथ है या किस्मत का। वॉरेन बफे के बारे में अक्सर इस बारे में बहस होती है।"
मार्केट से जुड़ी हर जानकारी की जांच जरूरी
उन्होंने एक बार कहा था कहा था, "हेज फंड मैनेजर के रूप में आपको सैकड़ों ट्रेड्स करने पड़ते हैं। जब इसमें आप सफल साबित होते हैं तो आपको इसके पीछे किस्मत का हाथ बताने की जरूरत नहीं होती है।" अरोड़ा को पढ़ने का शौक है। वह इंडिपेंडेंट थिंकर हैं। वह बताते हैं, "एक चीज जो हमेशा उनके दिमाग में रहती है, वह कार्ल मार्क्स की एक पंक्ति है-हर चीज पर संदेह करना जरूरी है।" इक्विटी मार्केट्स में स्टॉक्स पर कई तरह की खबरों और बातों का असर पड़ता है। ऐसे में हर जानकारी पर संदेह करना जरूरी है। आपको सवाल करना है। भले ही आपको उसका सही जवाब नहीं मिले।
पोर्टफोलियो में कई शेयरों को शामिल करने की रणनीति
अरोड़ा मुट्ठीभर कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश करने की जगह कई स्टॉक्स में निवेश करना पसंद करते हैं। यह वॉरेन बफे के सिद्धांत से अलग है। बफे कुछ शेयरों में निवेश करने की सलाह देते रहे हैं। भारत सहित दुनियाभर में उनके फैंस इस सिद्धांत पर अमल करते हैं। अरोड़ा का कहना है कि हर साल मार्केट के एक-तिहाई स्टॉक्स का प्रदर्शन मार्केट के मुकाबले बेहतर होता है। अगर आप NSE500 का उदाहरण लेते हैं तो हर साल करीब 150 स्टॉक्स का रिटर्न मार्केट से ज्यादा होता है।