दुनिया के दूसरे बाजारों के मुकाबले भारतीय शेयर बाजारों का प्रदर्शन खराब है। हालांकि, इससे भारतीय बाजार अब पहले जितना महंगा नहीं रह गया है। ब्रोकरेज फर्म सीएलएस ने कहा है कि भारतीय बाजार को लेकर सेंटीमेंट कमजोर हुआ है, जो कॉन्ट्रा बाय का एक अच्छा संकेत है। कॉन्ट्रा बाय का मतलब है रुख के उलट इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजी है।
सितंबर तिमाही में निफ्टी 3.5 फीसदी गिरा
सितंबर तिमाही में Nifty 50 इंडेक्स करीब 3.5 फीसदी गिरा है। इससे भारत दुनिया में सबसे खराब प्रदर्शन वाले बड़े बाजारों की लिस्ट में दूसरे पायदान पर है। बीते 14 सालों में उभरते और एशियाई बाजारों (जापान को छोड़) के मुकाबले किसी एक तिमाही में यह Indian Markets का सबसे खराब प्रदर्शन है।
ताइवान के बाद भारत सबसे महंगा बाजार
विदेशी ब्रोकरेज फर्म (CLSA) ने कहा है, "ईपीएस में कमी ज्यादातर Nifty में आई गिरावट जितनी है। इसका मतलब है कि निफ्टी की वैल्यूएशन अब भी उतनी ही है, जितनी वह सितंबर तिमाही के शुरुआत में थी। इस वजह से उभरते बाजारों में ताइवान के बाद भारत दूसरा सबसे महंगा बाजार है। "
उभरते बाजारों के मुकाबले इंडियन मार्केट का प्रीमियम घटा
हालांकि, निफ्टी 50 के खराब प्रदर्शन की वजह से उभरते बाजारों और चीन के प्रमुख सूचकांकों के मुकाबले इंडियन मार्केट की वैल्यूएशन का प्रीमियम घटकर चार सालों के निचले स्तर पर आ गया है। सीएलएसए ने अपने प्रॉपरायटरी इंडिया-बुल बेयर इंडेक्स के आधार पर कहा है कि सेंटिमेंट काफी बेयरिश जोन में पहुंच गया है।
इन 25 स्टॉक की दहाड़ दूर तक सुनाई देगी
सीएलएसए ने कहा है कि इंडिया का प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद जताने वाले एक्सपर्ट्स सिर्फ 10.1 फीसदी रह गए है। ब्रोकरेज फर्म ने कहा है कि ऐतिहासिक रूप से यह 'गुड कॉन्ट्रा सिग्नल' है। ब्रोकरेज फर्म ने ऐसे 25 स्टॉक्स की पहचान की है, जो आने वाले समय में दहाड़ सकते हैं। इनमें NTPC, Oil & Natural Gas, DMart, DLF और Varun Beverages के स्टॉक्स शामिल हैं।
70 फीसदी तक आ सकती है तेजी
हांगकांग के ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि इन 25 स्टॉक्स में कुछ में 70 फीसदी तेजी आ सकती है। उसने ओएनजीसी के बारे में कहा है कि इसे ब्रेंट क्रूड की कीमतों में और गिरावट से बड़ा फायदा हो सकता है। हालांकि, ब्रेंट क्रूड में फिलहाल बड़ी गिरावट की उम्मीद नहीं दिखती। ओपेक ने सप्लाई काफी बढ़ाया है।
ओएनजीसी का स्टॉक अट्रैक्टिव लेवल पर
उसने कहा है कि ओएनजीसी की डिविडेंड यील्ड करीब 6 फीसदी है, जो काफी अट्रैक्टिव है। यह भारत की बड़ी कंपनियों में सबसे ज्यादा डिविडेंड यील्ड है। ओएनजीसी में उसके ऐतिहासिक औसत पीई के बराबर ट्रेडिंग हो रही है। हालांकि, यह ग्लोबल प्रतिद्वंद्वी कंपनियों और Oil India के पीई से कम है। प्रोडक्शन में अच्छी ग्रोथ की उम्मीद को देखते हुए यह अट्रैक्टिव है।
DMart और DLF में भी निवेश के मौके
एनटीपीसी इस लिस्ट का दूसरा स्टॉक है। भारत की एनर्जी सिक्योरिटी को ध्यान में रख कंपनी ने विस्तार पर फोकस किया है। यह एनर्जी ट्रांजिशन के हिसाब से भी अपने बिजनेस को बदलने की कोशिश कर रही है। यह FY2032 तक 60 GW NEF का टारगेट हासिल करने के रास्ते पर बढ़ रही है। लिस्ट का तीसरा स्टॉक डीमार्ट है, जिसका ताकत इसका स्ट्रॉन्ग बिजनेस मॉडल है। 25 टॉप शेयरों की लिस्ट में रियल एस्टेट कंपनी DLF भी शामिल है।