इंडियन मार्केट में विदेशी निवेशकों (एफएफआई) का निवेश घटकर 11 महीने के निचले स्तर पर आ गया है। फरवरी के मध्य में इंडिया में विदेशी निवेशकों के निवेश की वैल्यू 64.78 लाख करोड़ रुपये थी। मार्च 2024 के बाद यह इंडिया में एफआईआई के निवेश की सबसे कम वैल्यू है। सितंबर 2024 में इंडियन मार्केट में उनके निवेश की वैल्यू 77.96 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई थी। इसका मतलब है कि तब से उनके निवेश की वैल्यू 13.18 लाख करोड़ रुपये घट चुकी है। 2025 की शुरुआत से एफआईआई ने करीब 1.07 लाख करोड़ रुपये के स्टॉक्स बेचे हैं।
विदेशी निवेशकों की सबसे ज्यादा बिकवाली
FIIs ने फरवरी के शुरुआती दो हफ्तों में FMCG, कैपिटल गुड्स कंपनियों और फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियों के स्टॉक्स बेचे हैं। ऑयल एंड गैस स्टॉक्स में भी उन्होंने काफी बिकवाली की है। हालांकि, कुछ सेक्टर की कंपनियों में उन्होंने निवेश भी किया है। टेलीकॉम में उन्होंने 2,337 करोड़ रुपये का निवेश किया है। हेल्थकेयर में 1,534 करोड़ रुपये निवेश किया है। IT स्टॉक्स में 693 करोड़ रुपये निवेश किया है। यह जनवरी से उनके रुख में आए बदलाव को दिखाता है। जनवरी में उन्होंने हेल्थकेयर सेक्टर में 4,300 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी। आईटी में 6,400 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी।
विदेशी निवेशक की बिकवाली की वजह प्रॉफिट-बुकिंग
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में एफआईआई की बिकवाली के बारे में टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि विदेशी निवेशकों की बिकवाली का मतलब यह नहीं है कि इंडियन मार्केट में उनका भरोसा नहीं है बल्कि इसकी वजह प्रॉफिट-बुकिंग है। उन्होंने यह भी कहा था कि इंडियन स्टॉक मार्केट्स इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ तेज बनी हुई है। इनवेस्टर्स इस मौके का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। यूनियन बजट के ठीक बाद उन्होंने कहा था कि इंडिया इनवेस्टर्स का पसंदीदा डेस्टिनेशन बना हुआ है।
एफआईआई के रुख में बदलाव के संकेत
18 फरवरी को FIIs के रुख में बदलाव देखने को मिला। लगातार कई दिन तक बिकवाली करने के बाद उन्होंने 18 फरवरी को इंडियन मार्केट में खरीदारी की। उन्होंने 4,786 करोड़ रुपये के स्टॉक्स खरीदे। इसमें भारती एयरटेल में बड़ी ब्लॉक डील शामिल है। एफआईआई के रुख में इस बदलाव पर दिग्गज स्टॉक इनवेस्टर समीर अरोड़ा ने टिप्पणी की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि एफआईआई की खरीदारी की वजह चाहे घरेलू या बाहरी हो, लेकिन यह साफ है कि वे सिर्फ बिकवाली करने नहीं जा रहे हैं।
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मॉर्गन स्टेनली ने हरियाली लौटने की उम्मीद जताई
स्टॉक मार्केट्स FIIs की खरीदारी शुरू होने का इंतजार कर रहा है। लेकिन, कुछ ग्लोबल एनालिस्ट्स की सोच अलग है। मॉर्गन स्टेनले ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में आने वाले महीनों में इंडियन स्टॉक मार्केट्स में हरियाली लौट सकती है। यह जरूरी नहीं कि इस हरियाली में विदेशी निवेशकों का बड़ा हाथ होगा। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इंडियन मार्केट्स में ग्लोबल फंडों का निवेश कई सालों के निचले स्तर पर आ गया है। इसके उलट इंडियन मार्केट्स में घरेलू निवेश मजबूत बना हुआ है। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि लोग अब बैंकों में पैसे रखने की जगह म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर रहे हैं।