PSUs शेयरों में जोरदार तेजी, कैपिटल रीस्ट्रक्चरिंग पर नई गाइडलाइंस ने सरकारी कंपनियों में भरा जोश

कल विनिवेश विभाग ने सरकारी कंपनियों के लिए डिविंडेड, बोनस, शेयर बायबैक और स्टॉक स्प्लिट के नियमों में बदलाव किया है। कौनसे हुए अहम बदलाव हुए हैं ये बताते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के लक्ष्मण रॉय ने कहा कि विनिवेश विभाग ने PSUs के लिए संशोधित गााइडलाइन जारी कर दी है

अपडेटेड Nov 19, 2024 पर 12:00 PM
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शेयर बायबैक के नियम भी बदले गए हैं। नए नियमों के मुताबिक 6 महीने तक भाव बुक वैल्यू से नीचे हों तो कंपनियां बायबैक कर सकती हैं। बपहले 6 महीने वाली शर्त नहीं थी

PSU stocks : पूरा PSU स्पेस आज जोरदार हलचल दिखा रहा है। तमाम सरकारी कंपनियों के शेयरों में 5 फीसदी तक तेजी दिख रही है। कैपिटल रीस्ट्रक्चरिंग पर नई गाइडलाइंस से सरकारी कंपनियों में जोरदार तेजी आई है। निफ्टी PSE इंडेक्स आज 1.75 फीसदी भाग गया है। IRFC, BHEL, REC और OIL में 3 से 5 फीसदी की तेजी आई । नई गाइडलाइन के तहत कंपनियों के पास कैपेक्स के लिए ज्यादा पैसा बच सकता है। इसके चलते आज ये शेयर जोश में दिख रहे हैं।

सरकारी शेयरों पर फोकस क्यों?

दरअसल कल विनिवेश विभाग ने सरकारी कंपनियों के लिए डिविडेंड, बोनस, शेयर बायबैक और स्टॉक स्प्लिट के नियमों में बदलाव किया है। कौनसे हुए अहम बदलाव हुए हैं ये बताते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के लक्ष्मण रॉय ने कहा कि विनिवेश विभाग ने PSUs के लिए संशोधित गााइडलाइन जारी कर दी है। डिविडेंड, शेयर स्प्लिट, बायबैक को लेकर नई गाइडलाइन आई है। अब सरकारी कंपनियों के अपने मुनाफे का 30 फीसदी या नेटवर्थ का 4 फीसदी डिविंडेड देना होगा। PSU के लिए पहले नेटवर्थ की शर्त 5 फीसदी थी। नेटवर्थ की शर्त आसान होने से इन कंपनियों के पास कैपेक्स के लिए ज्यादा पैसा बचेगा। इसके साथ ही सरकारी NBFCs के लिए 4 फीसदी नेटवर्थ की शर्त हटा ली गई है।


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शेयर बायबैक के नियम बदले

शेयर बायबैक के नियम भी बदले गए हैं। नए नियमों के मुताबिक 6 महीने तक भाव बुक वैल्यू से नीचे हों तो कंपनियां बायबैक कर सकती हैं। बता दें कि पहले 6 महीने वाली शर्त नहीं थी। शेयर बायबैक के लिए 3000 करोड़ रुपए की नेटवर्थ जरूरी है। पहले 2000 करोड़ रुपए नेटवर्थ की सीमा थी। इसके अलावा अब बायबैक के लिए 1500 करोड़ रुपए कैश होना जरूरी होगा।

 सरकारी कंपनियों की चाल पर एक नजर

गौरतलब है कि हाल के दिनों में सरकारी कंपनियों की भारी पिटाई हुई है। इसके चलते अपने शिखर से अब तक बीएसई पीएसयू इंडेक्स में 17.5 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि सेंसेक्स, बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप में 10 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है। 103 लिस्टेड पीएसयू फर्मों में से पांच शेयरों में अपने हाल के 52-सप्ताह के हाई  से 50 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है, जबकि 21 में 40-49 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इसके अलावा, 40 फर्मों के शेयर कीमतों में 30-40 फीसदी की गिरावट देखी देखने को मिली है। 24 शेयरों में 20-30 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। बाकी 13 फर्मों में 5-20 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।

MoneyControl News

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First Published: Nov 19, 2024 11:44 AM

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