STT News: सरकार ने 24 मार्च को फाइनेंशियल बिल 2023 में संशोधन करके फ्यूचर्स-ऑप्शंस की बिक्री पर सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) लगाने का फैसला किया। लेकिन यह टैक्स कितना लग रहा है इस पर कई घंटों के उलझन के बाद फाइनेंस मिनिस्ट्री ने आखिरकार इस पर अपनी सफाई दी है। फाइनेंस मिनिस्ट्री ने साफ किया है कि 1 करोड़ रुपए से ज्यादा टर्नओवर पर STT बढ़ाकर 6250 करोड़ रुपए कर दिया गया है। पहले यह 5000 रुपए लगता था। इस हिसाब से यह बढ़ोत्तरी 25 फीसदी के करीब है।
आज फाइनेंस बिल 2023 में हुए संशोधन के मुताबिक, अगर टर्नओवर 1 करोड़ रुपए है तो ऑप्शंस की सेल पर STT अब 2100 रुपए लगेगा। पहले यह 1700 रुपए था। इससे ही लोगों में कंफ्यूजन पैदा हो गया। क्योंकि सरकार ने 2016 में ही STT 1700 रुपए से बढ़ाकर 5000 रुपए कर दिया था।
इस बीच अगर टर्नओवर 1 करोड़ रुपए हो तो फ्यूचर्स की सेल पर 1250 रुपए STT लगेगा जो पहले 1000 रुपए था।
इस बढ़ोत्तरी पर Zerodha के को-फाउंडर निखिल कामत ने ट्वीट किया है, "STT, एक्सचेंज चार्ज, स्टांप ड्यूटी, GST, ब्रोकरेज और सेबी के चार्ज से अलग है। इन सबके बाद अगर कोई प्रॉफिटेबल हो जाता है तो वह सबसे ज्यादा इनकम टैक्स चुकाता है। फिर हमें हैरानी होती है कि ट्रेडर्स के लिए प्रॉफिटेबल रहना क्यों मुश्किल है।"
सरकार ने सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स यानि STT पहली बार 2004 में लगाया था। शेयर बाजार में अलग-अलग तरह के लेनदेन पर यह टैक्स लगाया था। शेयर बाजार में हुए कोई भी ट्रांजैक्शन जिनमें इक्विटी या इक्विटी डेरिवेटिव जैसे फ्यूचर्स-ऑप्शंस शामिल हों, उनपर STT लगता है। यह बिल्कुल म्यूचुअल फंड ट्रांजैक्शन की तरह ही लगता है।