Suzlon Energy Shares: सुजलॉन एनर्जी ने अपने क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) इश्यू को ओवर-सब्सक्रिप्शन के कारण लॉन्च के एक दिन बाद ही बंद कर दिया है। हमारे सहयोगी न्यूज चैनल CNBC-TV18 ने एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। सूत्रों ने बताया कि 2,000 करोड़ रुपये के इश्यू साइज के लिए कंपनी को करीब 4,600 करोड़ रुपये की बोलियां मिलीं है। इसमें से 80 फीसदी बोलियां सिर्फ लंबी-अवधि के लिए निवेश करने वाले फंड्स से आई है। ICICI सिक्योरिटीज, इस QIP इश्यू की इकलौती बैंकर है।
सुजलॉन एनर्जी ने 2,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए QIP इश्यू लॉन्च किया था। इश्यू का बेस साइज 1,500 करोड़ रुपये था। वहीं ओवर-सब्सक्रिप्शन की स्थिति में 500 करोड़ रुपये के और शेयर जारी करने का विकल्प रखा गया था। इस इश्यू के लिए फ्लोर प्राइस 18.44 रुपये तय किया गया था।
कंपनी ने बताया था कि वह QIP के जरिए जुटाई गई राशि का इस्तेमाल कर्ज को चुकाने और दूसरे सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए करेगी।
इस बीच Suzlon Energy के शेयर बुधवार को एनएसई पर 1.25 फीसदी बढ़कर 20.30 रुपये के भाव पर बंद हुए। पिछले एक महीने में कंपनी के शेयरों में 11.54 फीसदी की तेजी आई है। वहीं इस साल की शुरुआत से अबतक इसके शेयरों में करीब 11.54 फीसदी की तेजी आई है।
FY24 की पहली तिमाही में सुजलॉन एनर्जी के कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट में 96 फीसदी की गिरावट आई और यह 101 करोड़ रुपये हो गया है। कंपनी ने एक साल पहले की तिमाही में 2433 करोड़ रुपये का इंटीग्रेटेड नेट प्रॉफिट दर्ज किया था। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनी का नेट रेवेन्यू भी एक साल पहले की अवधि के 1378 करोड़ रुपये से घटकर 1348 करोड़ रुपये रह गया। पिछले साल की इसी तिमाही के 215 करोड़ रुपये के मुकाबले EBITDA 7 फीसदी कम होकर 199 करोड़ रुपये रहा।
EBITDA मार्जिन सालाना 90 बीपीएस कम होकर 14.7 फीसदी पर है। विंड टरबाइन जनरेटर सेगमेंट से राजस्व सालाना 831 करोड़ रुपये के मुकाबले कम होकर 803 करोड़ रुपये हो गया। फाउंड्री और फोर्जिंग सेगमेंट का राजस्व 120 करोड़ रुपये से गिरकर 111 करोड़ रुपये हो गया, जबकि ऑपरेशन और मेंटेनेंस सर्विस सेगमेंट का राजस्व 453 करोड़ से बढ़कर 493 करोड़ रुपये हो गया।